पिता और पुत्र के बीच दहेज पर संवाद लेखन : In This article, We are providing पिता और पुत्र के बीच दहेज की समस्या को लेकर संवाद and Pita aur Putra Ke Be
पिता और पुत्र के बीच दहेज पर संवाद लेखन : In This article, We are providing पिता और पुत्र के बीच दहेज की समस्या को लेकर संवाद and Pita aur Putra Ke Beech Dahej Par Samvad Lekhan for Students and teachers.
पिता और पुत्र के बीच दहेज की समस्या को लेकर संवाद
पिता : बेटा मैंने सोचा था कि अपने जीते जी तुम्हारा विवाह कर दूंगा लेकिन तुम्हारे लायक रिश्ता ही नहीं मिल रहा।कोई कम पढ़ी-लिखी है तो कोई एक भी रूपया खर्च नहीं करना चाहता।
पुत्र : पर पिताजी दहेज लेना तो कानूनी जुर्म है।
पिता : अच्छा जी। जुर्म है तो तब किसी को क्यों न याद आया जब मैंने तुम्हारी बहन की शादी में 20 लाख रुपये दिए थे।
पुत्र : पर पिता जी शादी कोई व्यापार थोड़े ही है।
पिता : व्यापार नहीं है तो तुम्हारी बहन की शादी के समय सबके इतने बड़े मुंह क्यों खुले थे ? मैंने कितना अपमान सहा है ये सिर्फ मैं ही जानता हूँ।
पुत्र : आप सही कह रहे हैं मैं आज भी वो दिन नहीं भूला जब लोग रिश्ते की बात चलने से पहले ही बड़ी-बड़ी डिमांड कर देते थे। पर सभी एक जैसे नहीं होते।
पिता : जीवन तुम्हारा है इसलिए जैसा चाहो वैसा करो। पर एक बात याद रखना हर किसी के दो चेहरे होते हैं। अभी पड़ोस के शर्मा जी ने ही दहेज़ नहीं लिया और उन्हीं की बहू ने आज उन्हें दहेज़ के आरोप में जेल में बंद करा दिया।
पुत्र : मैं आपकी बात समझ गया पिताजी पर मुझे अपनी पसंद पर यकीन है।
पिता : जैसी तुम्हारी इच्छा पर पहले अच्छे से जांच पड़ताल कर लेना।
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