फूल और डाली के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing फूल और डाली का संवाद लेखन and Phool aur Dali ka Samvad Lekhan for Students and teach
फूल और डाली के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing फूल और डाली का संवाद लेखन and Phool aur Dali ka Samvad Lekhan for Students and teachers.
फूल और डाली के बीच संवाद लेखन
फूल : अहा! कितना सुहाना मौसम है।
डाली : हवा भी शीतल हो गयी है।
फूल : मुझे तो लगता है की बारिश होगी।
डाली : क्या तुम्हे बारिश पसंद है ?
फूल : भला बारिश किसे पसंद न होगी ?
डाली : भला क्यों?
फूल : अरे भाई, जब बारिश होती है तो पेड़ की पत्तियां धूल जाती है। शाखाओं पर नए फूल आते हैं।
डाली : सही कहा दोस्त। सिर्फ फूल ही नहीं बल्कि नयी शाखाएं भी आती हैं।
फूल : इसीलिए तो बारिश पसंद है मुझे।
डाली : चलो दोस्त तो फिर साथ मिलकर बारिश का आनंद लेते हैं।
फूल और डाली का संवाद लेखन
फूल - देखो कितनी प्यारी हवा बह रही है ।
डाली - हां , सचमुच ! (खुशी से)
फूल - मुझे तो झूलने का आनंद आ रहा है । (लहलहाते हुए )
डाली - तुम मेरे आधार पर खिले हुए हो, तुम्हें झूला तो मैं ही दे रही हूं ।
फूल - नहीं मैं पूरे पेड़ पर खिला हुआ हूं और मुझे झूला हवा दे रही है तुम नहीं ।
डाली - मैं तो पेड़ का स्थिर हिस्सा हूं , तुम्हें तो तोड़ लिया जाता है ।
फूल - मैं पेड़ का खूबसूरत अंश हूं इसलिए मुझे सभी चाहते हैं । ( अभिमान से )
डाली -सोचो जरा, अगर मैं ना होती तो तुम कैसे खिलते ?
फूल - मैं आगे रहता हूं, तुम पीछे-पीछे रहती हो । (अकड़ से )
डाली - किन्तु सोच कर देखो तुम्हे पोषण मेरे जरिए ही प्राप्त होता है ।
फूल - हूं (सोचते हुए)
डाली - देखो, हमें कभी अभिमान नहीं करना चाहिए हम दोनों ही इस पेड़ के हिस्से हैं ।
फूल - हम दोनों ही इस पेड़ पर आधारित है ।
डाली -चलो, भाई हम इस पेड़ को वंदन करते हैं ।
( दोनों लहराते हुए पेड़ का स्पर्श कर लेते हैं , पेड़ मुस्कुरा उठता है )
Phool aur Dali ka Samvad Lekhan
डाली : फूल कैसे हो ?
फूल : मैं ठीक हूँ डाली दीदी ?
डाली : मैं भी ठीक हूँ।
फूल : दीदी आप हमारा सहारा हो , आपकी वजह से उपर खिलते है।
डाली : सहारा कैसा , यह मेरा कर्तव्य है। हम एक परिवार है। मेरी जड़े मज़बूत है इसलिए मैं आसानी से खड़ी हो सकती हूँ।
फूल : मुझे आप पर पूरा विश्वास है आप मुझे कुछ नहीं होने दोगे।
डाली : डर तो मुझे मानव से लगता है , जो हमें तोड़ देते है।
फूल : सही कहा , मुझे थोड़ा सा बड़ा होने पर तोड़ देते है मुझे बहुत डर लगता है मानव से।
डाली : मानव अपनी इस्तेमाल के लिए हमें बेरहमी से तोड़ देता है।
फूल : मेरा मन कभी बड़े होने के लिए नहीं करता है।
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