मालिक और नौकर के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing नौकर और मालिक के बीच संवाद लेखन and Malik aur Naukar ke Madhya Samvad Lekhan for S
मालिक और नौकर के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing नौकर और मालिक के बीच संवाद लेखन and Malik aur Naukar ke Madhya Samvad Lekhan for Students and teachers.
मालिक और नौकर के बीच संवाद लेखन
मालिक - रामू ! तुमने पौधों को पानी क्यों नहीं दिया? ऐसे तो पौधे मुराझा जाएंगे।
नौकर - मलिक। मैं खाना बनाने में व्यस्त था।
मालिक - अच्छा जी ! खाने में क्या बनाया है?
नौकर - मैंने कद्दू की सब्जी, पूड़ी और साथ में रायता बनाया है।
मालिक - सुनकर ही मुंह में पानी आ गया। मुझे जल्दी से खाना परोस दो।
नौकर - ठीक है साहब। आप बस 5 मिनट रुकिए इस बीच मैं खाना परोसता हूं।
मालिक - और क्या-क्या किया है सबह से?
नौकर - (खाना परोसते हुए) साहब घर का सारा काम जैसा झाड़ू-पोंछा, कपड़े धोना आदि सब हो चुका है। बस अब पौधों में पानी डालना बाकी रह गया है।
मालिक - वास्तव में तुमने बहुत बढ़ियां खाना बनाया है। बस ऐसे ही लगन से काम करते रहे तो जल्दी ही तुम्हारी सैलरी बढ़ा दूंगा।
नौकर - (मुस्कुराते हुए) धन्यवाद मालिक!
नौकर और मालिक के बीच संवाद लेखन
नौकर - साहब ! मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।
मालिक - हाँ बोलो ! क्या बात है?
नौकर - साहब ! मेरा वेतन बहुत कम है। बढ़ती महंगाई के मैं अपने परिवार का पालन-पोषण ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहा हूँ।
मालिक - मैं इस विषय पर विचार करूँगा।
नौकर - मालिक, मैं पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपना काम करता हूँ, परन्तु मुझे जो वेतन मिल रहा है, उससे मेरी जरुरत आपसे अनुरोध है कि मेरे वेतन में वृद्धि कीजिए।
मालिक - तुम्हें तुम्हारे कार्य के अनुरूप उचित वेतन मिल रहा है।
नौकर - यदि मेरे वेतन में वृद्धि नहीं होगी, तो मैं विवश होकर यह नौकरी छोड़ दूँगा।
मालिक - ठीक है। मैं अगले महीने से तुम्हारे वेतन में 2000 रुपये बढ़ा दूँगा। तुम एक ईमानदार व्यक्ति हो और मेहनती भी।
नौकर - धन्यवाद साहब ! आपका बहुत-बहुत आभार।
नौकर और मालकिन के बीच संवाद लेखन
मालकिन - क्या करते हो नरेंद्र, अब तक ना तुमने सफाई की है न नाश्ता तैयार किया है। मेहमान आने वाले हैं।
नौकर - क्या करूँ मालकिन मेरे चाचा का टेलीफोन आ गया था |
मालकिन - हर समय फोन। कल तो कह रहे थे तुम्हारे चाचा शहर गए हैं ?
नौकर - मेम साहब वो तो चचेरे चाचा थे |
(तभी घंटी की आवाज़ आती है )
मालकिन - लगता है मेहमान आ गए।
नौकर - हाँ! लगता तो है।
मालकिन - तो खड़े-खड़े मेरा मुँह क्या देख रहा है। जाकर दरवाजा खोल।
नौकर - जी मालकिन !
Malik aur Naukar ke Madhya Samvad Lekhan
मालिक : रामू यह क्या कर रहे हो ?
नौकर : मालिक कुछ नहीं पानी दे रहा हूँ ?
मालिक : तुमने पानी का नलका खुला छोड़ दिया है , और पानी फालतू बह रहा है।
नौकर : माफ़ कर दो मालिक मुझे ध्यान नहीं रहा।
मालिक : लोगों की पीने को नसीब नहीं हो रहा और एक तुम हो बहाये जा रहे हो।
नौकर : मालिक मुझे पता है , कि पानी की बहुत कमी है।
मालिक : अगर हम पानी को व्यर्थ जाने देंगे तो हमारा जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा।
नौकर : मैं थोड़ा-थोड़ा पानी इस्तेमाल करूंगा ताकी व्यर्थ ना हो।
मालिक : ठीक है।
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