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दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद, परीक्षा की तैयारी को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद and परीक्षा से पहले दो छात्रों के बीच संवाद for Students and teachers.
दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद
अभिषेक : अरे मोहन, कल से वार्षिक परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं।
रितेश : हाँ दोस्त सही है।
अभिषेक : इस बार परीक्षा की तैयारी कैसी हो रही है।
रितेश : मैंने अपने सामर्थ्य के अनुसार तो कर ली है किन्तु अर्द्धवार्षिक परीक्षा में प्राप्त कम अंकों का डर अभी भी सता रहा है और वो तो इस परीक्षा में जुड़ने भी हैं।
अभिषेक : यह बात तो बिलकुल सही है, अर्द्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हारे बहुत ही कम नंबर आ पाए थे। बस पास ही हो पाये थे।
रितेश : और तुम बताओ, तुम्हारी तैयारी कैसी है, अद्धवार्षिक परीक्षा में तो पूरे विद्यालय में तुम्हारे ही सर्वाधिक अंक आए थे।
अभिषेक : हाँ बात तो तुम्हारी सही है, यही कारण है कि मैं तुमसे पूछ रहा हूँ कि तुम्हारी तैयारी कैसी है ! यदि मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकूं तो अवश्य बताना। मुझे अत्यधिक खुशी होगी यदि तुम परीक्षा में अच्छा करो।
रितेश : तुम्हारा कहना बिलकुल सही है किन्तु इस बार मैंने भी खूब तैयारी की है। हाँ गणित में मुझे कुछ संशय है जिसके संबंध में मैं तुम्हारा मार्गदर्शन अवश्य लूंगा।
अभिषेक : हाँ, हाँ क्यों नहीं ! गणित के प्रश्नपत्र से पहले दो दिन का दशहरा का अवकाश भी है। उन दो दिन हम साथ में बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं।
रितेश : हाँ ये सही रहेगा। उन दो दिनों में हम मिलकर पढ़ाई कर लेंगे ताकि मुझे कोई संशय न रहे और गणित का डर भी मन से निकल जाये।
अभिषेक : बिलकुल! तो चलो अब बहुत समय हो गया है, कल से होने वाली वार्षिक परीक्षा की शुभकामनाओं सहित शुभरात्रि।
रितेश : तुम्हें भी वार्षिक परीक्षा हेतु शुभकामनाएं और शुभरात्रि।
दो सहेलियों के बीच परीक्षा पर संवाद
सौम्या : अरे काजल ! कैसी हो तुम ?
काजल : मैं ठीक हूँ । तुम कैसी हो ?
सौम्या : मैं भी ठीक हूँ । तुम्हारी हिन्दी की आखरी परीक्षा की तैयारी कैसी चल रही है ?
काजल : मुझे केवल हिन्दी व्याकरण का अभ्यास करना है।
सौम्या : हाँ मुझे भी व्याकरण का ही अभ्यास करना है।
काजल : वैसे इस बार की व्याकरण थोड़ी कठिन है।
सौम्या : हाँ ! तुमने सही कहा।
काजल : इसके लिए मेरे पास एक सुझाव है।
सौम्या : क्या?
काजल : अगर हम दोनों साथ मिलकर व्याकरण पढ़े तो हमारी जो भी समस्याएँ होंगी वो हम साथ मिलकर दूर कर लेंगे।
सौम्या : बहुत अच्छा सुझाव है । तो में अपनी किताबे ले के थोड़ी देर में तुम्हारे घर आती हूँ ।
काजल : ठीक है! तो थोड़ी देर में मेरे घर पर मिलते हैं ।
परीक्षा की तैयारी को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद
अमित : "दसवीं कक्षा की परीक्षा समीप आ रही है।"
सुमीत : "हाँ, इस बार अधिक ध्यान देकर पढ़ाई करनी पड़ेगी।"
अमित : "हाँ, बोर्ड की परीक्षा है, विस्तार से पढ़ना पड़ेगा।"
सुमीत : "मैं तो रोज़ सुबह जल्दी उठकर पढूँगा, उस समय ध्यान केन्द्रित करना संभव है।"
अमित : "मुझे तो रात को देर तक पढ़ने की आदत है, उस समय शांति होती है और पाठ ज्यादा आसानी से ग्रहण होता है।"
सुमीत : "ठीक है, रोज़ शाम को हम दोनों एक बार जो अकेले पढ़ा होगा उसके बारे में चर्चा करेंगे।"
अमित : "हाँ इस प्रकार हम परीक्षा के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जायेंगे।"
सुमीत : "हमलोगों को परीक्षा का भय भी नहीं रहेगा।"
परीक्षा से पहले दो छात्रों के बीच संवाद
देवेन्द्र : हेलो गौरव ! कैसे हो ? तुम्हारी तैयारी हो गई।
गौरव : हाँ मित्र ! बस हो ही गई है। व्याकरण का एक टॉपिक संधि पुनरावृत्ति के लिए रह गया है वह भी जल्दी से कर लेता हूँ।
देवेन्द्र : अच्छा तुम्हें पदबंध की पहचान याद है क्या?
गौरव : हाँ, पदबंध की पहचान तो बहुत ही सरल है। यदि रेखांकित शब्दों के अंत में संज्ञा शब्द हो तो संज्ञा पदबंध और यदि विशेषण शब्द हो तो विशेषण पदबंध होता है।
देवेन्द्र : ये तो सरल हैं पर क्रिया पदबंध में मुझे कठिनाई आती है। क्या तुम उसे मुझे समझा सकते हो?
गौरव : अरे मित्र ! इसमें कुछ नहीं है । जैसे-नाव उफनती नदी में डूबती चली गई। यहाँ 'डूबती चली गई' शब्द क्रियापद हैं इसलिए यह क्रिया पदबंध है।
देवेन्द्र : धन्यवाद! क्रियाविशेषण व सर्वनाम पदबंध मुझे आते हैं। चलो अब मैं तुम्हे संधि बताता हूँ। तुम्हारी भी पुनरावृत्ति हो जाएगी।
गौरव : हाँ, जल्दी बताओ, परीक्षा शुरू होनेवाली है।
देवेन्द्र : यदि जोड़ने पर आ, ई, ऊ हों तो दीर्घ; ए, ओ, अर हों तो गुण; ऐ, औ हों तो वृद्धि ; अय्, आय्, अव्, आव् हों तो अयादि संधि होती है।
गौरव : धन्यवाद मित्र ! तुमने तो बड़ी आसानी से संधि समझा दी। अब चलो, परीक्षा शुरू होने ही वाली है।
देवेन्द्र : हाँ मित्र ! चलो चलते हैं ।
गौरव : आल दा बेस्ट मित्र
देवेन्द्र : तुम्हें भी मित्र, धन्यवाद।
Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad
मित्र 1 : राम इस बार परीक्षा की तैयारी कैसी चल रही है ?
मित्र 2 : सोहन , परीक्षा की तैयारी कुछ खास नहीं है।
मित्र 1 :मेरे भी ऐसे ही हाल है , ऑनलाइन पढ़ाई से थोड़ा थोड़ा ही समझ आया है।
मित्र 2 : मेरे साथ भी ऐसा ही है , मुझे डर लग रहा है परीक्षा कैसी होगी ?
मित्र 1 : सच में यदि परीक्षा अच्छी नहीं हुई तो , आगे मैं दाखिला कैसे लूँगा।
मित्र 2 : तुम्हारे स्कूल में परीक्षा कैसे हो रही है ?
मित्र 1 : अभी तक कुछ पता नही , कुछ कह रहे है , ऑनलाइन हो रही है और कुछ कह रहे स्कूल में जा कर होगी।
मित्र 2 : हमारे स्कूल में अभी बताया नहीं कुछ।
मित्र 1 : इंटरनेट में बहुत कुछ मिल जाता है , पर कुछ विषय समझ नहीं आते है।
मित्र 2 : हाँ बात तो सही है , समझाने के लिए एक शिक्षक की जरूरत होती है।
मित्र 1 : मैं तो किताबों और इंटरनेट की मदद लेकर तैयारी कर रहा हूँ।
मित्र 2 : अच्छा , मैं ही ऐसे ही कर रहा हूँ
दो दोस्तों के बीच परीक्षा की तैयारी से संबंधित संवाद
मोहन : सुप्रभात मित्र।
सोहन : सुप्रभात
मोहन : सुनो! तुम्हे पता है वार्षिक परीक्षा आने वाली है।
सोहन : हाँ! मुझे तो तनाव के कारण कुछ याद ही नही होता।
मोहन : मेरे दोस्त का भी कुछ यही हाल है।
सोहन : और तुम्हारा?
मोहन : नही! मै कभी भी तनाव नहीं लेता। बिलकुल शांति से पढता हूँ।
सोहन : तुम मुझे भी बताओ कैसै नही होता तुम्हे तनाव?
मोहन : देखो मैं हमेशा आसान सबजेक्ट से शुरू करता हूँ।
सोहन : अच्छा!
मोहन : और खूब अभ्यास करता हूँ, एवं संकल्पना समझता हूँ।
सोहन : बस!
मोहन : हाँ! और मै हमेशा 1 महीने पहले शुरू करता हूँ। चलो अब मै चलता हूँ।
सोहन : धन्यवाद। (दोनो चले जाते है)
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