अनुवाद के सिद्धांत की विवेचना करें

अनुवाद के सिद्धांत - Anuvad ke Siddhant : अनुवाद में अर्थ संप्रेषण का सिद्धांत, अनुवाद में व्याख्या का सिद्धांत, अनुवाद में प्रभाव समता का सिद्धांत,

अनुवाद के सिद्धांत की विवेचना करें

अनुवाद के सिद्धांत की विवेचना करें

अनुवाद के सिद्धांत - Anuvad ke Siddhant

  1. अनुवाद में अर्थ संप्रेषण का सिद्धांत
  2. अनुवाद में व्याख्या का सिद्धांत
  3. अनुवाद में प्रभाव समता का सिद्धांत
  4. अनुवाद में के एकीकरण का सिदधांत
  5. अनुवाद में पुनर्कोडीकरण का सिद्धांत 
  6. अनुवाद में समतुल्यता का सिद्धांत

1. अनुवाद में अर्थ संप्रेषण का सिद्धांत

अनुवाद के सिद्धांत के प्रणेता डॉ0 जानसन तथा ए.एच. स्मिथ हैं। ये दोनों ब्रिटेन के भाषा वैज्ञानिक थे। अपने विविध अनुवाद कार्यों के क्रम में इन भाषा वैज्ञानिकों ने यह महसूस किया कि अनुवाद में प्राथमिक तथा महत्वपूर्ण भूमिका अर्थ की होती है। अर्थ यानी स्रोत भाषा के पाठ का अर्थ। डॉ0 जानसन के अनुसार अनुवाद पाठ का नहीं पाठ के अर्थ का होता है। पाठ के शब्दों, वाक्यों आदि के जो अर्थ होते हैं, लक्ष्य भाषा में उन्हें ही अंतरित किया जाता है। शब्दों, पदबंधों अथवा समग्र वाक्य का अंतरण नहीं किया जाता है। इसलिए डॉ० जानसन और स्मिथ ने अर्थ संप्रेषण के सिदधांत का तर्क रखा। इनके अर्थ संप्रेषण का तात्पर्य स्रोत भाषा के पाठ के अर्थ का लक्ष्य भाषा में संप्रेषण से था। जैसे- Lokayukta to get more teeth soon. इस अंग्रेजी पाठ के शब्दों का जो अर्थ है, अनुवाद उसी का किया जाएगा। लोकायुक्त एक संवैधानिक पद होता है और उसका मुख्य काम प्रशासन में भ्रष्टाचार निवारण का होता है। परंतु इस हेतु लोकायुक्त को किसी प्रकार का प्रभावी अधिकार नहीं होता। अंग्रेजी पाठ का More teeth लोकायुक्त को ओवर अधिकार देने के अर्थ में प्रयुक्त है। इसलिए इस वाक्य का अनुवाद "लोकायुक्त को और अधिकार जल्दी ही मिलेंगे " होगा।

स्पष्ट है कि स्रोत भाषा के पाठ का जो अर्थ निष्पन्न होता है, लक्ष्य भाषा में अनूदित करते हुए उसे ही संप्रेषित करने की चेष्टा की जाती है। इस तरह के अनुवाद में पाठ के भाव, शैली आदि पर ध्यान नहीं दिया जाता। अर्थ के इकहरे रूपांतरण का उदाहरण होता है ऐसा अनुवाद। अनुवाद में प्राय: ऐसे ही उदाहरण देखने-पढ़ने को मिलते हैं। इसलिए अनुवाद में अर्थ संप्रेषण के सिद्धांत की मान्यता है और प्रसिद्धि भी। वैसे अनुवाद सिद्धांत की श्रेणी में यह सिद्धांत प्राथमिक है। 

2. अनुवाद में व्याख्या का सिद्धांत

भाषा वैज्ञानिक रोमन याकब्सन, यूरोपीय जेम्स होम्स और मैदनिकोवा के विचार में अनुवाद का मूल सत्व ( Essence) पाठ की व्याख्या होता है। वैसे भी किसी भाषा के किसी कथन का, दूसरी भाषा में रूपांतरण सर्वदा सहज नहीं होता। भाषाओं के शब्द, पदबंध, वाक्य, मुहावरे, व्याकरणिक नियम, शैली आदि परस्पर काफी भिन्न होते हैं। इन तत्वों से भाषाओं का स्वभाव निर्मित होता है। किन्हीं दो भाषाओं के इन तत्वों का मिलान अथवा सामंजस्य प्राय: दुर्लभ होता है। इसलिए किसी एक भाषा के किसी कथन को दूसरी भाषा में पुन: प्रस्तुत करना सरल नहीं होता। अनुवादक या तो भावार्थ से काम लेता है अथवा व्याख्या करता है। इसी तर्क के आधार पर इन भाषा वैज्ञानिकों ने अनुवाद में व्याख्या का प्रतिपादन किया। इनके अनुसार, "translation is an act of interpretation" जैसे- Child is the father of the man. यदि इस वाक्य का अनुवाद करना पड़े तो कठिनाई होगी, क्योंकि अनुवाद शब्दांतरण या वाक्यांतरण मात्र नहीं होता। अनुवाद पाठ के अर्थ और भाव का समग्र रूपांतरण होता है, अनुवाद के पाठ के प्रभाव की भी महत्ता होती है। इस दृष्टि से ऊपर के अंग्रेजी कथन का अनुवाद "बालक मनुष्य का पिता होता है " यदि किया जाए तो यह शब्दांतरण मात्र होगा, अनुवाद कदापि नहीं। इस अंग्रेजी वाक्य के अनुवाद में व्याख्या से ही सहायता मिलेगी और वयाख्या में भावों की प्रधानता होती है, इसलिए ऐसे पाठ के अनुवाद में भावानुवाद की सहायता लेनी पड़ती है, शायद इसलिए अनुवाद में भावानुवाद की प्रधानता होती है।

वैसे भी अनुवाद में पाठ के अर्थ और शैली के रूपांतरण को प्रश्रय दिया जाता है। नाइडा का सिदधांत इसीलिए चर्चित है। अत: अर्थ और शैली को लक्ष्य भाषा में सुरक्षित रखने की जब चेष्टा की जाती है, तब पाठ की व्याख्या से ही काम लेना पड़ता है। इस तरह से अनुवाद में कभी-कभी स्रोत भाषा के कथन के लक्ष्य भाषा में रूंपांतरण के समय पाठ की व्याख्या अपरिहार्य हो जाती है। अनुवाद में व्याख्या का सिद्धांत इसी वजह से प्रचलित हुआ और प्रसिद्ध हुआ।

3. अनुवाद में प्रभाव समता का सिद्धांत

ब्रिटिश भाषा वैज्ञानिक टैंकॉक इस सिद्धांत के प्रणेता हैं। उनके अनुसार अनुवाद पारंपरिक "मक्षिका स्थाने मक्षिका पात: " मात्र नहीं होता। अनुवाद किसी एक भाषा के कथन के अर्थ और प्रभाव-समग्र का दूसरी भाषा में पुन: स्थापन होता है। इसमें स्रोत भाषा के कथन की लक्ष्य भाषा में पुनर्प्रस्तुति की जाती है और यह पुनर्प्रस्तुति प्रभाव के मामले में बिल्कुल मूल जैसी होती है। ऐसा ही अनुवाद सफल माना जा सकता है। जैसे“I am extremely hungary " इस वाक्य का अनुवाद हिंदी में “ मैं बहुत भूखा हूँ या “ मैं अत्यंत भूखा हूँ ” होगा। इसमें मूल पाठ और अनूदित पाठ के प्रभाव एक समान प्रतीत होते हैं। किंतु अंग्रेजी वाक्य का अनुवाद यदि हिंदी मुहावरे के साथ “ मेरे पेट में चूहे दौड रहे हैं ” किया जाए तो उपयुक्त नहीं होगा। क्योंकि अंग्रेजी कथन का जैसा प्रभाव प्रतीत होता हैं , हिंदी अनुवाद का प्रभाव उससे बीस हो जाता है। स्मरणीय है कि काल और परिस्थिति के अनसार , शब्दों के अर्थ का प्रभाव उन्नीस-बीस होता रहता हैं। परंत टैंकॉक के अनुवाद भाषांतरण में उन्नीस-बीस खेल नहीं है। अनुवाद समान भाषांतरण की प्रक्रिया है। इसमें अनुवादक को अपनी प्रतिभा, अनुभव और कल्पना से काम लेना होता है तथा यह सुनिश्चित करना होता है कि अनूदित पाठ प्रभाव के मामले में मूल पाठ जैसा ही बने। जाहिर है कि इसके लिए अनुवादक को कभी-कभी किंचित मूल पाठ की सीमा का अतिक्रमण करना पड़ता है। अनूदित पाठ में कल्पना के सहारे कुछ जोड़ना, रचना होता है। अनुवाद चूंकि सृजन का अनुसृजन होता है, इसलिए ऐसा करना उचित होता है। इसे एक अन्य उदाहरण से भी समझने का प्रयास करेंगे। जैसे- The time has not ripen to ink nuclear pact. इस अंग्रेजी वाक्य के अनुवाद में ripen और ink शब्दों के सरलार्थ लेने से काम नहीं चलेगा। परमाणु समझौते के सिलसिले में कुछ कच्चा-पक्का नहीं होता है। न ही ink के अर्थ में स्याही की कोई अर्थ संगति होती है। सामान्य अनुवाद होगा इस कथन का जैसे- "परमाणु समझौते का समय अभी नहीं आया है " और यह सामान्य रूपांतरण ही मूल कथन जैसे प्रभाव व्यंजित करता है। इस दृष्टि से अनुवाद में मूल कथन के प्रभाव की व्यंजना महत्वपूर्ण है, न कि शब्दों के अर्थ और उनके प्रयोग। निश्चय ही ये बातें तर्क-संगत हैं और टैंकॉक अपने इस सिद्धांत में एक युक्तिपरक अवधारणा रचते हैं। इसलिए अनुवाद में प्रभाव समता का सिद्धांत महत्वपूर्ण माना जाता है।

4. अनुवाद में सांस्कृतिक संदर्भो के एकीकरण का सिदधांत

इस सिद्धांत के प्रस्तोता भाषा वैज्ञानिक फिर्थ, एच.आर. रॉबिन्स और मैक होलिडे हैं। इन विद्वानों के अनुसार भाषा में समाज तथा जातीय जीवन की संस्कृतियां अभिव्यक्त होती हैं, साथ ही साथ संरक्षित रहती हैं। अस भाषा में संस्कृतियां अपने ढंग से यथापेक्षा मुखर होती हैं। भाषा को संस्कृति का संवाहक कदाचित इसीलिए कहा जाता है चूंकि भाषा समाज की होती है, समाज में पल्लवित पुष्पित होती है, समाज से अपनी अभिव्यक्तिका आधार प्राप्त करती है, इसलिए जैसी संस्कृति होती है, लोक के तीजत्यौहार जैसे होते हैं, भाषा के शब्द और संरचना वैसी ही होती है। अलंकार, मुहावरे और लोकोक्तियां इसलिए हर भाषा की खास और निजी होती हैं। फिर्थ का मानना है कि किसी एक भाषा के सांस्कृतिक कथन का दूसरी भाषा में हू-ब-हू तरजमा नहीं हो सकता। तर्जुमा के लिए या तो भाव प्रधान को आधार बनाना पड़ेगा अथवा व्याख्या का सहारा लेना होगा। ऐसे में किसी एक भाषा के सांस्कृतिक कथन अथवा लोकोक्ति मुहावरे का अनुवाद दूसरी भाषा में उसके सांस्कृतिक कथन अथवा लोकोक्ति मुहावरे के द्वारा ही किया जा सकता है। अनुवाद के सफल और सटीक होने के लिए ऐसा करना जरूरी होता है। अन्यथा अनुवाद अर्थांतरण बन जाता है, मूल का प्रभाव उत्पन्न नहीं कर पाता। जैसेTo kill two birds with one stone, Birds of same feather flock together, Herculean task, आदि।

स्पष्ट है कि उदाहरण के वाक्य अंग्रेजी के महावरे हैं और उनमे अंग्रेजी जीवन और समाज की अभिव्यक्तिमिलती है। भारतीय भाषाओं अथवा हिंदी में इनका अनुवाद करते हुए निश्चय ही भारतीय जीवन और समाज के कथन और मुहावरों को अपनाना पडेगा। शब्दानुवाद निष्फल होगा। अंग्रेजी से हिंदी में सामान्य अनुवाद का प्रयास निष्प्रभावी होगा। अंग्रेजी मुहावरे को भारतीय लोक जीवन में प्रचलित मुहावरे से ही विस्थापित करना उचित और सार्थक होगा। फिर्थ, एच.आर. रॉबिन्स और मैक होलिडे के प्रस्तुत तर्क में अनुवाद की सार्थकता और जीवन में उसकी स्वीकृति की चिंता मुख्य थी। इसलिए उन्होनें सांस्कृतिक कथनों की एकरूपता को अनुवाद के लिए जरूरी माना। सांस्कृतिक संदर्भो के एकीकरण का सिद्धांत इसलिए प्रचलन में आया।

5. अनुवाद में पुनर्कोडीकरण का सिद्धांत

अमेरिका के भाषा वैज्ञानिक विलियम फ्राउले इस सिद्धांत के जनक हैं। उन्होंने भाषा को, भाषा की समस्त शाब्दिक तथा वाक्य संरचना को अंकीय आधार पर संकेतों (Codes) में आबद्ध करने की बात कही, अवधारणा प्रस्तुत की। फ्राउले ने इस हेतु कंप्यूटर की कार्य प्रणाली से भाषिक संरचना को जोड़ने का तर्क दिया। इस तर्क से सभी भाषाओं का अंकीय सूत्र निरूपित हो सकता है और हुआ भी है। उन्होंने इस हेतु भाषा की सबसे छोटी इकाई अक्षर को आधार बनाया और अक्षर के अंकीय निर्धारण की बात कही। इससे किसी भी भाषा के समस्त अक्षरों, अक्षरों से बने शब्दों, पदबंधों, वाक्यों आदि का अंकीय आंकड़ा ( Data ) तैयार किया जा सकता है। फ्राउले ने उसे Data matrix कहा।

फ्राउले के अनुसार अनुवाद में स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा का अलग-अलग Data matrix यदि बना लिया जाए तो आंकड़ों या अंकों के माध्यम से, भाषा के शब्दों और उनके अर्थों में समानता, समरूपता और पर्याय का निर्धारण किया जा सकता है और इस तरह से किसी भी भाषा के कथन के कोड को दूसरी भाषा के कोड में रूपांतरण के द्वारा अनुवाद प्राप्त किया जा सकता है। इस सिद्धांत में एक भाषिक कोड के समतुल्य दूसरे भाषिक कोड से मिलान और उसमें रूपांतरण की बात मुख्य है। अर्थात् एक भाषा के कोड को दूसरी भाषा के कोड से संबंध स्थापन कराना और पुन: दूसरे भाषिक कोड को भाषिक संरचना में बदलना ही पुनर्कोडिकरण है। इस तरह के अनुवाद में सहजता हो या न हो, शाब्दिक सटीकता की संभावना रहती है। कंप्यूटर आधारित मशीनी अनुवाद इसी सिद्धांत से परिचालित है।

किंतु अनुवाद में पुनर्कोडिकरण का सूत्र कितना सफल हो जाएगा। यह अभी विचाराधीन है, इसलिए कि अनुवाद एक भाषिक अभिव्यक्तिका दूसरी भाषिक अभिव्यक्तिमें सटीक संपांतरण मात्र नहीं होता। अनुवाद सृजन होता है, सृजन का पुन:सृजन। वैसे संगठनों, कार्यालयों के वार्षिक प्रतिवेदन, वार्षिक तुलन-पत्र आदि के अनुवाद के लिए इस सिद्धांत की प्रासंगिकता से इनकार नहीं किया जा सकता।

6. अनुवाद में समतुल्यता का सिद्धांत 

अनुवाद का यह सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण तथा सर्वाधिक लोकप्रिय है। इस सिद्धांत के प्रणेता प्रो. जे.सी. कैटफोर्ड और यूजीन (Eusin) ए. नाइडा हैं। यूरोपीय भाषा वैज्ञानिक फोरेस्टन (Foresten) जब अनुवाद को "एक भाषा में व्यक्त विचारों को यथासंभव समान और सहज अभिव्यक्तिदवारा दूसरीभाषा में व्यक्त करने का प्रयास है " बता रहे थे तो वे अनुवाद को अपने ढंग से समझने और समझाने का ही प्रयास कर रहे। "Translation is the transference of the content of a text from one language into another, bearing in mind that we cannot always dissociate the content from the form." निश्चय ही फोरेस्टन अपनी इस परिभाषा में अनुवाद की एक व्यावहारिक समझ प्रस्तुत कर रहे थे। परंतु, अनुवाद शास्त्र की व्यावहारिकता यहां भी पूरी तरह से उद्घाटित नहीं हो रही थी, क्योंकि अनुवाद के अंतरभाषिक Inter-lingual होने के बावजूद भाषाओं की आपसी भिन्नता यथावत रहती है। अर्थात किन्हीं दो भाषाओं के शब्द, वाक्य-विन्यास आदि एक समान नहीं होते। एक ही अर्थ के बोध कराने वाले शब्द दसरी भाषा में अनूदित होने पर अर्थांतरण त करने लगते हैं। इसलिए मूल पाठ और अनूदित पाठ समरूप ( Identical) नहीं होते। भाषाओं की पारस्परिकता चूंकि समतुल्य होती है, इसलिए अनुवाद भी समतुल्य होते हैं।

अनुवाद के इस अभिलक्षण को कैटफोर्ड और नाइडा ने समझा। कैटफोर्ड कहते हैं" अनुवाद एक भाषा की पाठ्य सामग्री का दूसरी भाषा की पाठ्य सामग्री के रूप में समतल्यता के आधार पर प्रतिस्थापन है "| जाहिर है कि प्रो0 कैटफोर्ड अनवाद के समतल्यता को पहली बार उदघाटित कर रहे थे। अत: उनका चिंतन काफी लोकप्रिय हुआ। किंतु अनुवाद की बारीकियां कैटफोर्ड की परिभाषा में भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई। इसका श्रेय नाइडा को मिला। नाइडा ने अपने चिंतन में यह स्वीकार किया कि "अनुवाद का संबंध स्रोत भाषा के संदेश का पहले अर्थ और फिर शैली के धरातल पर लक्ष्य भाषा में निकटतम, स्वाभाविक तथा तुल्यार्थक ( Equivalent) पाठ प्रस्तुत करने से होता है। स्पष्ट है कि कैटफोर्ड जहां पाठ्य सामग्री की समतुल्यता चाहते हैं, वहीं नाइडा पाठ में निहित अर्थ और उसकी शैली के तुल्यार्थक उपादान प्रस्तुत करने पर बल देते हैं। साफ है कि अनुवाद में भाषाओं में अंतर के कारण कथन में समरूपता का निर्वाह नहीं होता, बल्कि समतुल्यता ही हो पाती है। परंतु यह समतुल्यता भी बड़ी विचित्र प्रकृति की होती है, जैसे- I met her- मैं उससे मिला। किंतु I met her का अनुवाद क्या "मैं उससे मिला " ही होगा ? अंग्रेजी के इस छोटे से वाक्य के कई हिंदी रूप बनते हैं। फिर भी कई बिंदु अस्पष्ट हो जाते हैं और यह अस्पष्टता अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं की विशिष्ट प्रकृतियों के कारण रहती है। इसलिए I met her का चाहे जितने अनुवाद किए जाएं, वे समरूप नहीं होते, समतुल्य ही होते हैं।

परंतु समतुल्यता का आधार भी एक प्रकार का नहीं होता। भिन्न - भिन्न अनुवाद प्रकारों में यह समतुल्यता भिन्न रूप में दिखाई पड़ती है। जैसे- कहीं शाब्दिक समतुल्यता तो कहीं भावगत समतुल्यता। कहीं-कहीं प्रतीकात्मक और शैलीगत समतुल्यता भी अनुवाद में मुखर होती है। जैसे- 

शब्दगत समतुल्यता

बचत बैंक - Savings Bank

काला बाजार -  Black market

सफेद कालर -  White collar

लौह पुरुष - Iron man

भागवत समतुल्यता           

To become shameless - आँख का पानी उतर जाना/

To kill two birds with one stone - एक पंथ दो काज 

A drop in the ocean - ऊँट के मुँह में जीरा।

प्रतीकात्मक अनुवाद

The present system has rotten. It should immediately be changed.

अब तो इस तालाब का पानी बदल दो। ये कमल के फूल कुम्हलाने लगे हैं।

शैलीगत समतुल्यता

The Chairperson has kept his card close to his chest.

अध्यक्ष का निर्णय अभी गोपनीय है। 

The miscreants have exploited the accident.

उपद्रवियों ने दुर्घटना का लाभ उठाया है।

इस तरह से स्पष्ट होता है कि अनुवाद में समतुल्यता कई-कई रूपों में चरितार्थ होती है। अनुवाद समरूप नहीं होता। इसलिए कि भाषाएं समरूप नहीं हैं। अनुवाद की यह विशिष्टता अनुवादकर्ता के लिए हमेशा से यक्ष-प्रश्न बनती रही हैं। फिर भी अनुवाद का सिलसिला कभी थमा नहीं है। अनवरत जारी है। मनुष्य की जिज्ञासा जब तक रहेगी, अपनी तमाम स्वाभाविक जटिलताओं के बावजूद अनुवाद सर्वदा आकर्षण का विषय बना रहेगा।

Related Article : 

COMMENTS

Name

10 line essay,520,10 Lines in Gujarati,2,Aapka Bunty,3,Aarti Sangrah,3,Aayog,3,Agyeya,4,Akbar Birbal,1,Antar,170,anuched lekhan,59,article,17,asprishyata,1,Bahu ki Vida,1,Bengali Essays,135,Bengali Letters,20,bengali stories,12,best hindi poem,13,Bhagat ki Gat,2,Bhagwati Charan Varma,3,Bhishma Shahni,6,Bhor ka Tara,1,Biography,141,Biology,88,Boodhi Kaki,1,Buddhapath,2,Chandradhar Sharma Guleri,2,charitra chitran,298,chemistry,1,chhand,1,Chief ki Daawat,3,Chini Feriwala,3,chitralekha,6,Chota jadugar,3,Civics,32,Claim Kahani,2,Countries,10,Dairy Lekhan,1,Daroga Amichand,2,Demography,10,deshbhkati poem,3,Dharmaveer Bharti,10,Dharmveer Bharti,1,Diary Lekhan,8,Do Bailon ki Katha,1,Dushyant Kumar,1,Economics,29,education,1,Eidgah Kahani,5,essay,1031,Essay on Animals,3,festival poems,4,French Essays,1,funny hindi poem,1,funny hindi story,3,Gaban,12,Geography,44,German essays,1,Godan,8,grammar,19,gujarati,30,Gujarati Nibandh,214,gujarati patra,20,Guliki Banno,3,Gulli Danda Kahani,1,Haar ki Jeet,2,Harishankar Parsai,2,harm,1,hindi grammar,14,hindi motivational story,2,hindi poem for kids,3,hindi poems,54,hindi rhyms,3,hindi short poems,8,hindi stories with moral,15,History,42,Information,897,Jagdish Chandra Mathur,1,Jahirat Lekhan,1,jainendra Kumar,2,jatak story,1,Jayshankar Prasad,6,Jeep par Sawar Illian,3,jivan parichay,148,Kafan,8,Kahani,31,Kamleshwar,8,kannada,98,Kashinath Singh,2,Kathavastu,33,kavita in hindi,41,Kedarnath Agrawal,1,Khoyi Hui Dishayen,3,kriya,1,Kya Pooja Kya Archan Re Kavita,1,literature,9,long essay,426,Madhur madhur mere deepak jal,1,Mahadevi Varma,7,Mahanagar Ki Maithili,1,Mahashudra,1,Main Haar Gayi,2,Maithilisharan Gupt,1,Majboori Kahani,3,malayalam,139,malayalam essay,112,malayalam letter,10,malayalam speech,36,malayalam words,1,Management,1,Mannu Bhandari,7,Marathi Kathapurti Lekhan,3,Marathi Nibandh,261,Marathi Patra,25,Marathi Samvad,13,marathi vritant lekhan,3,Mohan Rakesh,2,Mohandas Naimishrai,1,Monuments,1,MOTHERS DAY POEM,22,Muhavare,138,Nagarjuna,1,Names,2,Narendra Sharma,1,Nasha Kahani,6,NCERT,27,Neeli Jheel,2,nibandh,1034,nursery rhymes,10,odia essay,60,odia letters,86,Panch Parmeshwar,10,panchtantra,26,Parinde Kahani,1,Paryayvachi Shabd,229,patra,241,Physics,2,Poos ki Raat,9,Portuguese Essays,1,pratyay,186,Premchand,65,Punjab,28,Punjabi Essays,72,Punjabi Letters,13,Punjabi Poems,9,Raja Nirbansiya,4,Rajendra yadav,3,Rakh Kahani,2,Ramesh Bakshi,1,Ramvriksh Benipuri,1,Rani Ma ka Chabutra,1,ras,1,Report,6,Roj Kahani,2,Russian Essays,1,Sadgati Kahani,1,samvad lekhan,195,Samvad yojna,1,Samvidhanvad,1,Sandesh Lekhan,3,sangya,1,Sanjeev,2,sanskrit biography,4,Sanskrit Dialogue Writing,5,sanskrit essay,270,sanskrit grammar,157,sanskrit patra,30,Sanskrit Poem,3,sanskrit story,2,Sanskrit words,26,Sara Akash Upanyas,7,Saransh,71,sarvnam,1,Savitri Number 2,2,Shankar Puntambekar,1,Sharad Joshi,3,Sharandata,1,Shatranj Ke Khiladi,1,short essay,65,slogan,3,sociology,8,Solutions,3,spanish essays,1,speech,6,Striling-Pulling,25,Subhadra Kumari Chauhan,1,Subhan Khan,1,Suchana Lekhan,13,Sudarshan,2,Sudha Arora,1,Sukh Kahani,2,suktiparak nibandh,20,Suryakant Tripathi Nirala,1,Swarg aur Prithvi,3,tamil,16,Tasveer Kahani,1,telugu,66,Telugu Stories,65,uddeshya,15,upsarg,67,UPSC Essays,100,Usne Kaha Tha,2,Vinod Rastogi,1,Vipathga,2,visheshan,2,Vrutant lekhan,5,Wahi ki Wahi Baat,1,Wangchoo,2,words,44,Yahi Sach Hai kahani,2,Yashpal,5,Yoddha Kahani,2,Zaheer Qureshi,1,कहानी लेखन,18,कहानी सारांश,56,तेनालीराम,4,नाटक,51,मेरी माँ,7,लोककथा,15,शिकायती पत्र,1,सूचना लेखन,1,हजारी प्रसाद द्विवेदी जी,9,हिंदी कहानी,110,
ltr
item
HindiVyakran: अनुवाद के सिद्धांत की विवेचना करें
अनुवाद के सिद्धांत की विवेचना करें
अनुवाद के सिद्धांत - Anuvad ke Siddhant : अनुवाद में अर्थ संप्रेषण का सिद्धांत, अनुवाद में व्याख्या का सिद्धांत, अनुवाद में प्रभाव समता का सिद्धांत,
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0MIdkqqbEujd-aUwqhO2nKNBKbS51WLMLQFcn9PXzpYZ-3Zfcn8qufYvJlBmi9R1MKAN5Gs0saH9rr4_hk0vWwCkMFUStSmnmkoDdN3d66SbraKGBf8L3_BP_oF5GYQa7CKRwLlbCn_SFW2UldHAV0FKWgtwnRID81I42VluZLy1DKWYKbVieJLJSYA/w640-h304/download.png
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0MIdkqqbEujd-aUwqhO2nKNBKbS51WLMLQFcn9PXzpYZ-3Zfcn8qufYvJlBmi9R1MKAN5Gs0saH9rr4_hk0vWwCkMFUStSmnmkoDdN3d66SbraKGBf8L3_BP_oF5GYQa7CKRwLlbCn_SFW2UldHAV0FKWgtwnRID81I42VluZLy1DKWYKbVieJLJSYA/s72-w640-c-h304/download.png
HindiVyakran
https://www.hindivyakran.com/2022/06/anuwad-ke-siddhant-ki-vivechana-kare.html
https://www.hindivyakran.com/
https://www.hindivyakran.com/
https://www.hindivyakran.com/2022/06/anuwad-ke-siddhant-ki-vivechana-kare.html
true
736603553334411621
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content