Essay On Student life in Hindi, "10 Lines on Vidyarthi Jeevan in Hindi", "विद्यार्थी जीवन पर निबंध", "विद्यार्थी जीवन पर 10 वाक्य" विद्यार्थी जीवन से
Essay On Student life in Hindi : मित्रों आज हमने विद्यार्थी जीवन पर निबंध लिखा है इसमें हमने विद्यार्थी जीवन कैसा होता है इसका वर्णन किया है। 10 Lines on Vidyarthi Jeevan in Hindi
यह निबंध हमने अलग-अलग शब्द सीमा में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए लिखा है इस निबंध की सहायता से विद्यार्थी परीक्षाओं में विद्यार्थी जीवन पर निबंध लिख सकते है.
10 Lines on Vidyarthi Jeevan in Hindi - विद्यार्थी जीवन पर 10 वाक्य
(1) विद्यार्थी जीवन से आशय विद्या का अर्जन करने या सीखने से है।
(2) विद्यार्थी जीवन का आरम्भ 5 वर्ष की आयु से होता है।
(3) विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है।
(4) इस काल में विद्यार्थी एकाग्रचित होकर ज्ञान का अर्जन करता है।
(5) विद्यार्थी जीवन में एक विद्यार्थी विद्यालय में प्रवेश करता है।
(6) विद्यालय से एक विद्यार्थी में अनुशासन का विकास होता है।
(7) विद्यार्थी जीवन में सीखी गयी बातें व्यक्ति जीवनभर नहीं भूलता।
(8) विद्यार्थी जीवन के दौरान उसमें कर्तव्य की भावना विकसित होती है।
(9) विद्यार्थी जीवन में ही एक व्यक्ति मित्रता का पहला पाठ सीखता है।
(10) विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का यह सुनहरा समय होता है
(11) विद्यार्थी जीवन में हम सभी को मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए।
विद्यार्थी जीवन पर निबंध हिंदी में। Essay On Student life in hindi
विद्यार्थी जीवन बड़ा ही चुनौती भरा होता है। विद्यार्थी जीवन का आरम्भ 5 वर्ष की आयु से होता है तथा जब तक आप कुछ सीखना चाहें विद्यार्थी जीवन चलता रहता है। जीवन का वह भाग जिसमे हम विद्या का अर्जन करते हैं, उसे विद्यार्थी जीवन कहते हैं। एक विद्यार्थी का जीवन कठिनाइयों से परिपूर्ण होता है। प्रतिपल वह कुछ नया सीखने के लिए संघर्ष करता है।
एक विद्यार्थी लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करता है। कई बार इसी प्रयास में उसे अपने अभिवावक तथा शिक्षकों से स्नेह तो कई बार डाँट भी मिलती है। परन्तु एक आदर्श विद्यार्थी अनवरत सिर्फ अपने ज्ञान अर्जन के उद्देश्य को ही महत्व देता है। सर्दी हो या गर्मी या हो मूसलाधार बरसात, वह इन सभी का सामना करते हुए बस्ता लादकर शिक्षा प्राप्त करने विद्यालय अवश्य जाता है। यह कुछ ऐसी परिस्थितियां होती है जिनका प्रत्येक विद्यार्थी अपने जीवन में सामना करता है। वह अपने आत्मसंयम और दृढ़ संकल्प से इन चुनौतियों का सामना करता है।
विद्यार्थी जीवन एक छात्र को सही-गलत, नीति-कुनीति और नैतिक-अनैतिक में अंतर करना सिखाता है। विद्यालय से एक विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का विकास होता है। वह अपनी दिनचर्या, पढ़ाई और अन्य कार्यक्रमों को व्यवस्थित करता है। ये अनुशासन ही उसे जीवन में सफलता दिलाता है। विद्यार्थी जीवन के दौरान वह अपने माता-पिता, शिक्षकों और बड़ों का सम्मान करना सीखता है। उसमें कर्तव्य की भावना का विकास होता है। वह इस बात को भली-भाँति समझता है की विद्यार्थी जीवन में उसके क्या कर्तव्य है।
एक विद्यार्थी के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग विद्यार्थी जीवन होता है। विद्यार्थी जीवन के दौरान एक विद्यार्थी न सिर्फ शिक्षा ग्रहण करता है बल्कि उसमे पारंगत होता है। जब एक विद्यार्थी विद्यालय में प्रवेश लेता है तो उसका उद्देश्य विद्या अर्जित करना ही होता है। विद्यालय में एक विद्यार्थी की खूबियाँ और कमियाँ उभरकर सामने आती हैं। जब एक विद्यार्थी विद्यालय जाता है तो वहां उसको नए शिक्षक, नए सहपाठी और नया वातावरण मिलता है। जिससे उसमें व्यावहारिक समझ का विकास होता है। वहाँ पर वह एकाग्रचित होकर विद्या अध्ययन करता है।
विद्यार्थी जीवन में एक छात्र के मन में नित्य नए विचार जन्म लेते हैं। ये विचार अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के हो सकते हैं। परन्तु यदि योग्य शिक्षकों का मार्गदर्शन मिले तो वह पथभ्रष्ट नहीं होता। यदि कोई छात्र विद्यार्थी जीवन को गंवाता है तो फिर वह जीवन भर पछताता ही रहता है क्योंकि बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता।
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