महिलाओं के विकास और कल्याण के लिए सरकारी प्रयास - 1. सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम 2. रोजगार और प्रशिक्षण 3. जागरूकता कार्यक्रम 4. इंदिरा महिला योजना
महिलाओं के विकास और कल्याण के लिए सरकारी प्रयास
महिलाओं के विकास और कल्याण के लिए सरकारी प्रयास
- 1. सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम
- 2. रोजगार और प्रशिक्षण
- 3. जागरूकता कार्यक्रम
- 4. इंदिरा महिला योजना
- 5. महिला अधिकारिता परियोजना
- 6. बालिका समृद्धि योजना
- 7. सुकन्या समृद्धि योजना
- 8. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
- 9. फ्री सिलाई मशीन योजना
1. सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम - सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम 1958 में शुरू किया गया जिसके तहत स्वैच्छिक संगठनों को आर्थिक सहायता दी गयी, जिसके द्वारा वह विभिन्न प्रकार की आमदनी करके सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम चला सकें। इन कार्यक्रमों में पशुपालन, रेशम के कीड़े और मछली पालन, हस्तशिल्प, हथकरघा आदि रोजगार शामिल हैं।
2. रोजगार और प्रशिक्षण - रोजगार और प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम 1987 में शुरू किया गया इस कार्यक्रम का उददेश्य पशुपालन, कृषि, हस्तशिल्प, कुटीर और ग्राम उद्योग का प्रशिक्षण देकर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहीं महिलाओं का उनके हुनर में सुधार करना है। इस कार्यक्रम में गरीब, दलित और साधनहीन परिवारों की ओर ध्यान देना है, जिनकी कर्ता महिलाएँ हैं। अब तक 4.48 लाख महिलाएँ इस कार्यक्रम का लाभ प्राप्त कर चुकी हैं।
3. जागरूकता कार्यक्रम - केन्द्रीय कल्याण बोर्ड ने 1986-87 में जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उददेश्य ग्रामीण और निर्धन महिलाओं में जागृति पैदा करना है ताकि वे परिवार और समाज में अपना उच्च स्थान प्राप्त कर सकें। गैर-सरकारी संगठनों को इस तरह के शिविर लगाने के लिए दो हजार रुपये प्रति शिविर की दर में बीस हजार रुपये तक राशि उपलब्ध कराई जाती है।
4. इंदिरा महिला योजना - इस योजना के अन्तर्गत समाज के सबसे निचले वर्ग की महिलाओं को संगठित किया गया ताकि वे निर्णय लेने की प्रक्रिया सम्पन्नता के साथ निभा सकें। 20 अगस्त, 1995 को 200 विकास खण्डों से इसकी शुरूआत की गयी।
5. महिला अधिकारिता परियोजना - यू. एन. एफ. पी. ए. की सहायता के द्वारा महाराष्ट्र के 14 जिलों के इंदिरा महिला योजना ब्लाकों में प्रयोग के लिए महिला अधिकारिता योजना का प्रशिक्षण दिया गया। इंदिरा महिला योजना के प्रशिक्षण को अच्छी तरह से शुरू करने पर अत्यधिक जोर दिया गया।
6. बालिका समृद्धि योजना - बालिकाओं के जीवनस्तर को उच्च बनाने के लिए बालिका समृद्धि योजना बनायी गयी है। इस योजना की शुरूआत 2 अक्टूबर, 1997 को हुई। इसमें 15 अगस्त, 1997 के बाद जन्म लेने वाली बालिका की माँ को 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसके द्वारा वह अपनी बालिका का पालन-पोषण अच्छी तरह कर सके। यह योजना गरीब परिवारों के लिए लाग थी।
7. सुकन्या समृद्धि योजना - इस योजना के अंतर्गत सरकार 10 साल से छोटी बच्चियों को को शिक्षा शिक्षा प्रदान करेगी और उनकी शादी की आयु में उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान किया जायेगा। यह योजना खासतौर पर उनकी उज्जवल भविष्य के लिए और अच्छी शिक्षा के लिए 2015 में शुरू की गई थी।
8. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना - 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में की थी। इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से घटते बालिका लिंग अनुपात को नियंत्रित करना एवं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. यह योजना भारत के अलग अलग क्षेत्रों में चलाई जा रही है। यह योजना उन महिलाओं की मदद करती है जो घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती हैं।
9. फ्री सिलाई मशीन योजना - इस योजना के अंतर्गत जो महिलाएं सिलाई-कढ़ाई में रुचि रखती हैं, उनको केंद्र सरकार की ओर से फ्री सिलाई मशीन प्रदान की गयी। इस योजना का उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं को सशक्त करना है। भारत सरकार की तरफ से हर राज्य में 50,000 से अधिक महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान की जाएगी. इस योजना के अंतर्गत केवल 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं.
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