Essay on Nutrition in Hindi : इस लेख में पोषक तत्वों की उपयोगिता पर निबंध का वर्णन किया गया है। इस निबंध में पोषण की आवश्यकता तथा पोषक तत्वों का वर्णन
पोषक तत्वों पर निबंध - Essay on Nutrition in Hindi
पोषक तत्व पर निबंध
पोषक तत्व को मुख्यतः हम तीन वर्गों में बांट सकते हैं:
- उर्जा प्रदान करने वाले पोषक तत्व
- शरीर बनाने (वृद्धि) वाले पोषक तत्व
- शरीर की रक्षा करने वाले पोषक तत्व
पोषक तत्वों पर निबंध
पोषक तत्वों से तात्पर्य ऐसे पदार्थों से हैं जिनमें पोषण पाया जाता है। पोषक तत्वों को मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, और लवण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। सही अनुपात में इन पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा एक स्वस्थ आहार का निर्माण करती है।
जब पोषक तत्वों के सेवन करने की बात आती है तो हमें हमेशा 'सही और 'संतुलित' आहार लेना चाहिए। संतुलित आहार को पोषक तत्वों की सही मात्रा में खाने के रूप में परिभाषित किया गया है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाने से रतौंधी, स्कर्वी, क्रेटिनिज्म, एनीमिया जैसी बीमारियाँ हो जाती है जबकि पोषक तत्वों की अधिकता से स्वास्थ्य के लिए खतरा जैसे मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और अन्य हृदय संबंधी रोग आदि देखे जाते हैं।
अविकसित और विकासशील देशों में कुपोषण को मूल पोषक तत्वों की कमी के रूप में किया गया है। पोषक तत्व खाद्य श्रृंखला के आधार स्तम्भ है। मजदूर वर्ग तथा छात्रों में परिश्रम के बाद थकान और उदासीनता आम है। दोबारा तरोताजा तथा ऊर्जावान महसूस करने के लिए, हमें केवल उचित पोषण की आवश्यकता होती है। उचित पोषण से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है तथा शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र मजबूत बना रहता है।
संतुलित आहार खाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है और मृत्यु के प्रमुख कारणों के जोखिम कम होते हैं। उचित पोषण से स्वस्थ हृदय, दांतों और हड्डियों में मजबूती, उत्तम मानसिक स्वास्थ्य और शरीर की रोगों से लड़ने के क्षमता बढ़ती है। हाल ही में विभिन्न अध्ययन और अनुसंधान द्वारा पोषण को एक विषय के रूप महत्वपूर्ण विषय मन गया है। पोषण को पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में भी पढ़ाया जाता है।
'पोषण' पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों हुए अध्ययनों से शोध कार्यों से हम अपने स्वस्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं।पोषण के क्षेत्र में वैज्ञानिक खोजों के परिणामस्वरूप खाद्य उत्पादन में वृद्धि हो रही है, परन्तु फिर भी भोजन जैसी बुनियादी चीज की कमी के कारण मर रहे हैं, समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिन्हे उचित खाद्य आपूर्ति नहीं हो पाती। जो सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होना चाहिए।
पोषण पर निबंध हिंदी में
शरीर के पोषण के लिए पोषक तत्वों बहुत ही आवश्यक होते है। संतुलित आहार से हमारे शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। पोषक तत्वों से शरीर के सभी अंगों को कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। विभिन्न विटामिन और खनिज-लवण के रूप में मिलने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक होते हैं। यदि इन पोषक तत्वों की कमी हो जाये तो हम कई तरह के रोगों की चपेट में आ जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, खनिज और जल कुछ ऐसे पोषक तत्व है जिनकी आवश्यकता शरीर को सबसे ज्यादा होती है। पोषक तत्वों को दो भागों में बांटा जा सकता है
1. विटामिन : विटामिन विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी 3 (नियासिन), विटामिन बी 5 (पैंटोथीनिक एसिड), विटामिन बी 6 (पाइरोडौक्ज़ामिन), विटामिन बी 7 (बायोटिन), विटामिन बी 9 (फोलिक एसिड), विटामिन बी 12 (साइनोकोबालमिन), विटामिन सी (एस्कोर्बिक एसिड), विटामिन डी, विटामिन ई (टोकोफेरोल) और विटामिन K शामिल होते हैं।
2. खनिज-लवण : खनिज लवण के अंतर्गत विभिन्न पोषक तत्त्व शामिल किये गए हैं जैसे- बोरान, कैल्शियम, क्रोमियम, आयरन, मैग्नीशियम, आयोडीन, फास्फोरस, मैगनीज, कॉपर, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन, सोडियम और जिंक आदि।
पोषक तत्व के प्रकार : पोषक तत्वों को माइक्रोन्यूट्रिएंट और मैक्रोन्यूट्रिएंट् दो भागों में विभाजित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को मैक्रोन्यूट्रिएंट के अंतर्गत आते हैं क्योंकि उनका आकार बड़ा होता है। यह ऊर्जा के उत्तम स्त्रोत माने जाते है। विटामिन और खनिजों को माइक्रोन्यूट्रिएंट कहा जाता है क्योंकि अन्य पोषक तत्वों की तुलना इनका आकार बहुत छोटे होता है। माइक्रोन्यूट्रिएंट को पानी और वसा में घुलने के आधार पर बाटा जाता है। विटामिन A, D, E, और विटामिन K वसा में घुलनशील होते हैं, जबकि विटामिन बी और विटामिन सी जल में घुलनशील होते हैं।
पोषक तत्वों के फायदे : पोषक तत्वों से हमें अनेक फायदे होते हैं। कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन से हमें ऊर्जा प्राप्त होती हैं, जिससे आपके शरीर में होने वाली सभी जैव रासायनिक प्रतिक्रिया संपन्न होती हैं। शारीरिक ऊर्जा को कैलोरी कहा जाता है। वसा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तुलना में अधिक कैलोरी होती है। प्रत्येक विटामिन और खनिज के अलावा अन्य पोषक तत्व का हमारे शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता हैं।
निष्कर्ष : उचित पोषक तत्वों की कमी से रक्तअल्पता या कुपोषण जैसे रोग हो जाते है। इस स्थिति से निपटने के लिए हमें पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना चाहिए। पोषक तत्व सिर्फ मंहगे काजु, बादाम, अनार, अंगूर, सेब, नाशपति या दूध में ही नहीं बल्कि साग, हरी सब्जी, दालों आदि में भी पाए जाते है। कुपोषण वास्तव में कोई बीमारी नहीं है किन्तु यह कई बीमारियों का कारण बनती है। कुपोषण से शरीर में उर्जा की कमी होती है इस तरह रोगों से लड़ने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। रोधक शक्ति के क्षीण होने के कारण कोई भी रोग आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसलिए उचित पोषण एक स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
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