तुलनात्मक राजनीति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए। तुलनात्मक राजनीति का क्षेत्र अभी भी सीमांकन (demarcation) की स्थिति में है। इसके विषय-क्षेत्र की निर्माण-
तुलनात्मक राजनीति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
तुलनात्मक राजनीति का क्षेत्र
तुलनात्मक राजनीति का क्षेत्र अभी भी सीमांकन (demarcation) की स्थिति में है। इसके विषय-क्षेत्र की निर्माण-अवस्था के कारण ही जी० के० राबर्ट्स (G.K. Roberts) ने अपने एक नये लेख Comparative Politics Today' में यहाँ तक लिखा है कि, "तुलनात्मक राजनीति सब कुछ है या वह कुछ भी नहीं है।" तुलनात्मक राजनीति के विषय-क्षेत्र में एक सीमा के बाद विस्तृतता इसे राजनीति-विज्ञान के अनुरूप बना देती है तथा दूसरी तरफ, इसके क्षेत्र की अत्यधिक संकुचित अवधारणा इसे स्वतंत्र अनुशासन (independent discipline) की अवस्था से ही वंचित रहने को मजबूर करती है। इसलिए इसके विषय-क्षेत्र की प्रमुख समस्या यह बन जाती है कि तुलनात्मक राजनीति में क्या-क्या जोड़ा जाए और क्या-क्या इसके अध्ययन से बाहर रखा जाए ? साथ ही यह सवाल भी उठता है कि राजनीति से सम्बन्धित किसी पहलू को इसके अध्ययन में सम्मिलित करने या नहीं करने का आधार क्या हो ? यह विषय-क्षेत्र के सीमांकन की समस्या इस कारण और भी अनसुलझी लगती है कि इसके विद्वान, अध्ययन पद्धतियों परिवौं विश्लेषण के उपागमों (analytical approaches), सिद्धान्तों के प्रकारों व विश्लेषण की इकाई पर भी एकमत नहीं हो पा रहे हैं। यहाँ हेरी एक्सटीन (Harry Eckstein) का तुलनात्मक राजनीति के विषय-क्षेत्र के सम्बन्ध में यह कथन उदधृत करना इस विवाद की गम्भीरता का स्पष्टीकरण करने के लिए सन्तुष्टिपूर्ण होगा। एक्सटीन ने लिखा है
"सबसे अधिक आधारभूत बात तुलनात्मक राजनीतिक के बारे में यह है कि आज यह एक ऐसा विषय है जिसमें अत्यधिक विवाद हैं क्योंकि यह संक्रमण-स्थिति में है-एक प्रकार की विश्लेषण शैली से दूसरे प्रकार की शैली में प्रस्थान कर रहा है।"
इससे स्पष्ट है कि तुलनात्मक राजनीति की परिभाषा व प्रकृति की तरह इसका क्षेत्र भी विवादास्पद है। इसके क्षेत्र को लेकर परम्परावादियों व नवीन राजनीति-शास्त्रियों में गहरा मतभेद है। जीन ब्लोण्डेल (Jean Blondel) का यह विवाद दो बातों से सम्बन्धित है। पहला है, तुलनात्मक राजनीति की सीमा सम्बन्धी विवाद व दूसरा है, मानकों व व्यवहार के पारस्परिक सम्बन्धों सम्बन्धी विवाद। इन दोनों का विस्तारपूर्वक विवेचन करके ही तुलनात्मक राजनीति के विषय-क्षेत्र का निर्धारण कर पाना सम्भव होगा।
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