राजनीति शास्त्र की विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं को बताइए। गार्नर के अनुसार, "राजनीतिक विज्ञान का प्रारंभ और अन्त राज्य से होता है।" गिलक्र
राजनीति शास्त्र की विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं को बताइए।
राजनीति शास्त्र की विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषा
(1) गार्नर के अनुसार, "राजनीतिक विज्ञान का प्रारंभ और अन्त राज्य से होता है।"
(2) गिलक्राइस्ट के अनुसार, "राजनीति विज्ञान राज्य और सरकार की सामान्य समस्याओं का अध्ययन है।"
(3) लीकाॅक के अनुसार, "राजनीतिशास्त्र सरकार का अध्ययन करता है।"
(4) प्रोफेसर लास्की के अनुसार, "राजनीति शास्त्र के अध्ययन का संबंध संगठित राज्यों से सम्बंधित मनुष्यों के जीवन से है।’’
(5) हरमन हेलर के अनुसार, "राजनीति शास्त्र के सर्वांगीण स्वरूप का निर्धारण उसकी मनुष्य विषयक मौलिक मान्यताओं द्वारा होता है।"
(6) सीले के अनुसार, "राजनीति विज्ञान उसी प्रकार के तत्त्वों का अनुसन्धान करता है। जैसे अर्थशास्त्र सम्पत्ति का, जीव विज्ञान जीवन का, बीजगणित अंकों का तथा ज्यामितिशास्त्र स्थान एवं परिमाण का करता है।"
(7) डट्टल के अनुसार, "शक्ति, शासन और अधिकार राजनीतिशास्त्र है।"
(9) ब्लण्टशली के अनुसार, "राजनीति विज्ञान वह विज्ञान है जिसका सम्बन्ध राज्य से है और जो यह समझने का प्रयत्न करता है कि राज्य के आधारभूत तत्त्व क्या हैं , उसका आवश्यक स्वरूप क्या है, उसकी किन विविध रूपों में अभिव्यक्ति होती है तथा उसका विकास कैसे होता है।"
(10) डाॅ. नागपाल के अनुसार, "राजनीतिक विज्ञान राज्य का शासन का, मनुष्य के राजनीतिक क्रिया-कलापों का विज्ञान है।"
(11) डिमॉक के अनुसार, "राजनीति विज्ञान का सम्बन्ध राज्य तथा उसके साधन सरकार से है।”
(12) पॉल जैनेट के अनुसार, "राजनीति विज्ञान राज्य का वह अंग है जो राज्य के आधारों एवं शासन के सिद्धान्तों की समीक्षा करता है।"
राजनीति शास्त्र की आधुनिक परिभाषा
परिभाषा (1) राजनीति विज्ञान मानव क्रियाओं का अध्ययन है
राजनीति विज्ञान के आधुनिक दृष्टिकोण के अनुसार राजनीति विज्ञान मानव के राजनीतिक व्यवहार एवं क्रियाओं का अध्ययन करता है। मानव व्यवहार को गैर राजनीतिक-कारक भी प्रभावित करते है। इन सभी कारकों का राजनीति विज्ञान में अध्ययन किया जाता है। ए. हर्ड एवं एस. हंटिग्टन का कथन है ’’राजनीतिक व्यवहारवाद शासन को मानव और उसके समुदायों के कार्यों की एक प्रक्रिया के रूप में स्वीकारता है। हस्जार व स्टीवेन्सन का यह विचार है कि ’’राजनीति विज्ञान अपने अध्ययन क्षेत्र में प्राथमिक रूप में व्यक्तियों के पारस्परिक व सामूहिक तथा राज्य एवं राज्यों के मध्य प्रकट शक्ति संबंधों से सम्बंधित है।
परिभाषा (2) राजनीति विज्ञान राज-व्यवस्थाओं का अध्ययन है-
इस दृष्टिकोण के समर्थक डेविड ईस्टन, आमण्ड, आर. केगन आदि है। यह दृष्टिकोण राजनीति विज्ञान को समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण में परिभाषित करता हैं। इनकी मान्यता है कि सम्पूर्ण समाज स्वयं में एक व्यवस्था है और राज व्यवस्था इस सम्पूर्ण समाज व्यवस्था की एक उपव्यवस्था है तथा वह उसके एक अभिन्न भाग के रूप में होती है। राज्य व्यवस्था में अनेक क्रियाशील संरचनाएं होती हैं जैसे संविधान सरकार के अंग, राजनीतिक दल, दबाब समूह, लोकमत एवं निर्वाचन एवं मानव-व्यववहार इस व्यवस्था का अभिन्न भाग है।
परिभाषा (3) राजनीति विज्ञान निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन है-
इस दृष्टिकोण के समर्थक राजनीतिशास्त्री यह मानते है कि राजनीति विज्ञान सरकार का अध्ययन करते हुये समाज या राज्य में विद्यमान परिस्थितियों के सन्दर्भ में सरकार या शास्त्र के नीति संबंधी निर्णय लेने की प्रक्रिया का भी अध्ययन करता है। इस कारण राजनीति विज्ञान ऐसा विज्ञान है जो किसी शासन की नीति-प्रक्रिया एवं उसके द्वारा नीति निर्माण का अध्ययन करता है विशेषकर इन दोनों को प्रभावित करने वाले कारकों के संदर्भ में, इस दृष्टिकोण की मान्यता है कि मानव प्रकृति के सन्दर्भ में सरकार द्वारा नीति निर्माण-प्रक्रिया का का अध्ययन किया जाना चाहिए।
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