परंपरावाद का क्या अर्थ है ? स्पष्ट रूप से समझाइए। परंपरावाद का अर्थ परंपरावादी सम्प्रदाय के अनुसार राजनीतिशास्त्र में उन सभी विषयों को शामिल किया गया
परंपरावाद का क्या अर्थ है ? स्पष्ट रूप से समझाइए।
परंपरावाद का अर्थ: राजनीतिशास्त्र में प्रायः दो विचारधाराएँ है जिनमें द्वन्द्व है -
- परंपरागत
- अर्वाचीन विचारधारा।
परंपरावाद का अर्थ
परंपरावादी सम्प्रदाय के अनुसार राजनीतिशास्त्र में उन सभी विषयों को शामिल किया गया है जिनके सम्बन्ध में अरस्तू, प्लेटो, रूसो, लॉक, हॉब्स, मिल, बेन्धम, हीगल, मार्क्स, ग्रीन आदि प्रमुख राजनीतिशास्त्रियों ने लिखा है। सेबाइन ने जोकि परंपरागत अथवा ऐतिहासिक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह मान्यता प्रकट की है कि एक ओर तो हमें इन महान राजनीतिशास्त्रियों की रचनाओं में उन प्रश्नों को ढूंढना चाहिए जिनकी उन्होंने विशेष रूप से चर्चा की है तथा दूसरी ओर यह भी देखना चाहिए कि ऐसे कौन-से प्रमुख प्रश्न हैं जिन पर इन विचारकों को ने पर्याप्त प्रकाश नहीं डाला है अथवा जो सर्वथा अछूते रह गए हैं। इनसे निम्न तीन बातें स्पष्ट होती हैं -
- सीमित रूप में तथ्यों की खोज।
- राजनीतिक दर्शन।
- राजनीतिक संस्थाओं का विवरण।
राजनीतिक विचारों तथा मूल्यों पर परम्परावादी सम्प्रदाय का विशेष आग्रह रहा है राजनीतिक विश्लेषकों की जो परंपरागत विश्लेषण पद्धतियाँ हैं, वे हैं-ऐतिहासिक दार्शनिक वर्णनात्मक, औपचारिक तथा संस्थागत।
वर्तमान शताब्दी के तृतीय दशक में यह सोचा जाने लगा कि राजनीतिशास्त्र को एक अन्तर शास्त्रीय विज्ञान बनाना चाहिए। विश्लेषक की नई पद्धतियों को खोज निकालने का कार्य प्रारम्भ हुआ। मुख्य उद्देश्य एक ऐसी अध्ययन पद्धति को खोजना था जिसके द्वारा राजनीतिक घटनाओं का अवलोकन एवं परीक्षण करके राजनीतिशास्त्र के अन्तर्गत अनुभवजन्य सिद्धांतों का प्रतिपादन किया जा सके।
राजनीतिशास्त्र के इस अर्वाचीन दृष्टिकोण की लोकप्रियता का यह अर्थ नहीं है कि परम्परावादी सम्प्रदाय मृत प्राय हो चुका है। विद्वानों का एक ऐसा शक्तिशाली समुदाय भी है जो राजनीतिशास्त्र के स्वरूप तथा क्षेत्र के सम्बन्ध में परम्परावादी दृष्टिकोण को ही सही मानता है। इन विद्वानों ने केवल परम्परावादी शास्त्रीय राजनीतिक सिद्धांत का रक्षण तथा पोषण किया है; बल्कि अनुभवात्मक-विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण की कटु आलोचना भी की है।
सम्बंधित लेख :
- परंपरागत (शास्त्रीय) राजनीतिशास्त्र से आप क्या समझते हैं ?
- परंपरागत राजनीति शास्त्र का क्षेत्र स्पष्ट कीजिए।
- परंपरागत राजनीतिक सिद्धांत की सीमाओं का वर्णन कीजिए।
- राजनीति के परम्परागत दृष्टिकोण पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- परंपरागत चिंतन यथार्थ राजनीति के विश्लेषण में असमर्थ सिद्ध हुआ है। संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
- परंपरागत राजनीतिक सिद्धांत आधुनिक परिस्थितियों में प्रासंगिक नहीं रह गया है।' व्याख्या कीजिए।
- राजनीति शास्त्र की दार्शनिक पद्धति पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- राजनीति शास्त्र की विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं को बताइए।
- राजनीति शास्त्र के गुण एवं दोष बताइए।
- संरचनात्मक प्रकार्यवाद दृष्टिकोण का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- राजनीति शास्त्र के अध्ययन की पर्यवेक्षणात्मक पद्धति का वर्णन कीजिए।
- लासवेल की अवधारणात्मक संरचना सम्बन्धी विचारों का उल्लेख कीजिए।
COMMENTS