मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति सैद्धान्तिक रूप से तो राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है, किन्तु व्यावहारिक
मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति तथा कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त व उसके कार्य एवं शक्तियाँ
लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली में निर्वाचनों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। निर्वाचनों को सुचारु रूप से संचालन तथा निष्पक्षता पूर्वक सम्पन्न कराने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनावी मशीनरी की व्यवस्था की गई है, जिसे निर्वाचन आयोग कहते हैं। इस निर्वाचन आयोग के प्रमुख को निर्वाचन आयुक्त कहा जाता है।
नियुक्ति तथा कार्यकाल
निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति सैद्धान्तिक रूप से तो राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है, किन्तु व्यावहारिक रूप से मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति मन्त्रिमण्डल (व्यवहार में प्रधानमत्री) के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वर्तमान निर्वाचन आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा दो अन्य निर्वाचन आयुक्त हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त कार्य एवं शक्तियाँ
मुख्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन सम्बन्धी अनेक महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न करता है -
- आयोग के प्रधान के रूप में चुनाव पंजिकाओं का समय से पनिरीक्षण करना उसका दायित्व है कि निर्वाचन के लिए इन्हें उपलब्ध कराया जा सके।
- चुनाव से जुड़े विभिन्न अधिकारियों की नियुक्ति उसी के द्वारा की जाती है।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त क्षेत्रीय निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति हेतु राष्ट्रपति को परामर्श देता है।
- विवादित मामलों में अन्ततः चुनाव चिन्ह को वही तय करता है।
- राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल द्वारा चुनाव-विवाद उसे सन्दर्भित किये जा सकते हैं।
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