उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए। संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति के निम्नलिखित कार्य एवं शक्तियाँ बतलायी जा सकती है - उपराष्ट्रपति रा
उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- भारत के उपराष्ट्रपति की भूमिका पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- उपराष्ट्रपति की स्थिति की विवेचना कीजिए।
उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियाँ
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापतित्व करता है।
- उपराष्ट्रपतिकार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना।
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करता है।
- राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपता है।
- अन्य कार्य
संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति के निम्नलिखित कार्य एवं शक्तियाँ बतलायी जा सकती है -
- राज्यसभा का सभापतित्व करना - संविधान के अनुच्छेद 89 (1) के अनुसार भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। सभापति के रूप में वह राज्यसभा की समस्त कार्यवाहियों का नेतृत्व एवं संचालन करता है। वह राज्यसभा का सत्र आहूत रखता है तथा सत्रावसान करता है। सदन में पेश किये जाने वाले विधेयक पर वह चर्चा करता है तथा पारित होने के पश्चात अपने हस्ताक्षर करता है।
- कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना - राष्ट्रपति के बीमार होने, मृत्यु होने. त्याग पत्र देने या महाभियोग द्वारा पद से हटा दिये जाने इत्यादि की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है। उपराष्ट्रपति अधिकतम 6 माह तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है। इससे पूर्व ही राष्ट्रपति पद का चुनाव कराना आवश्यक है। कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापतित्व नहीं करता है और वह राष्ट्रपति के सभी वेतन, भत्ते तथा विशेषाधिकारों का उपयोग करता है।
- अन्य कार्य - भारत का राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपता है, जिसकी सूचना उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष को देता है। इसके अतिरिक्त उपराष्ट्रपति अनेक महत्वपूर्ण सामाजिक एवं शैक्षणिक समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
सम्बंधित प्रश्न :
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