आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत के विकास की विवेचना कीजिए। आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत का विकास प्रारम्भ से 19वीं शताब्दी तक 20वीं शताब्दी से द्वितीय विश्व यु
आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत के विकास की विवेचना कीजिए।
आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत का विकास
- प्रारम्भ से 19वीं शताब्दी तक
- 20वीं शताब्दी से द्वितीय विश्व युद्ध तक की अवधि
- द्वितीय विश्वयुद्धोत्तर काल
(1) प्रारम्भ से 19वीं शताब्दी तक - इस प्रारम्भिक काल में राजनीति सिद्धांत के प्रारम्भ से 19वीं शबाब्दी तक के काल का अध्ययन किया जाता है। इसे परम्परावादी काल भी कहा जाता है। इस काल में राजनीतिज्ञों ने अपने विचारानुकूल सिद्धांत की रचना की तथा उन सिद्धांतों को अध्ययनकर्ताओं के सम्मुख प्रस्तुत किया।
(2) 20वीं शताब्दी से द्वितीय विश्व युद्ध तक की अवधि - इस अवधि में राजनीतिशास्त्रियों ने अनेक प्रकार के प्रयोग किए। उन्होंने व्यवहारवाद तथा यथार्थवाद की ओर विशिष्ट ध्यान दिया जिसके परिणामस्वरूप एशिया, अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका में अनेक नवीन राज्यों के उत्थान तथा उनकी राजनीतिक संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं के अध्ययन की आवश्यकताओं ने राजनीतिशास्त्र में नवीन आयाम खोले। अन्ततः उन्होंने राजनीतिक घटनाओं के साथ तथ्यपूर्ण व्याख्या का भी उल्लेख किया।
(3) द्वितीय महायुद्धोत्तर काल - यह काल द्वितीय महायुद्ध के पश्चात प्रारम्भ हुआ। इसमें राजनीतिक सिद्धांत का निर्माण कार्य नए रूप में प्रारम्भ हुआ। यह भी विचार किया जाता है कि आगामी कुछ शताब्दियों में सिद्धांत-निर्माण का कार्य राजनीतिक विज्ञान के साथ रहेगा। मेरियम के अनुसार, आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत का विकास काल निम्नवत् है -
- आधुनिक युग प्रारम्भ से सन् 1850 ई० तक का युग - इसमें मुख्य रूप से दार्शनिक तथा निगमनात्मक प्रणालियों को स्थान दिया गया।
- सन् 1850 से सन् 1900 ई० तक का युग - इस अवधि में ऐतिहासिक तथा तुलनात्मक पद्धतियों को अपनाया गया।
- सन् 1900 ई० से सन् 1923 ई० तक का युग - इस युग में प्रेक्षण, सर्वेक्षण तथा मापन का कार्य हुआ।
- सन् 1923 ई० से द्वितीय विश्व युद्ध तक का युग - इस युग में राजनीतिक विज्ञान में मनोवैज्ञानिक तथ्यों को रखा गया।
- द्वितीय विश्व युद्ध में 1949 ई० तक का युग - इस युग में व्यवहारवादी क्रान्ति का शुभारम्भ हुआ।
- सन् 1950 ई० से सन् 1965 ई० तक का युग - इस युग में व्यवहारवादी अध्ययन पद्धति के आधार पर राजनीतिक समस्याओं का अध्ययन किया गया तथा सिद्धांत निर्माण की दिशा में प्रयास किया गया।
- सन् 1965 ई० से आज तक का समय - उत्तर-व्यवहारवादी क्रान्ति का बीजारोपण हुआ। विकास के काल का अध्ययन करने से विदित होता है कि आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत को परम्परागत राजनीतिक सिद्धांत से पृथक् करने के कार्य को ही इस काल में प्रमुखता प्रदान की गई।
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