यहाँ पढ़िए परिवहन किसे कहते हैं, परिवहन की परिभाषा प्रकार तथा स्थल परिवहन, जल परिवहन, वायु परिवहन और पाइप लाइन परिवहन की परिभाषा व जानकारी।
परिवहन किसे कहते हैं परिभाषा एवं प्रकार - Transportation in Hindi
यहाँ पढ़िए परिवहन किसे कहते हैं, परिवहन की परिभाषा प्रकार तथा स्थल परिवहन, जल परिवहन, वायु परिवहन और पाइप लाइन परिवहन की परिभाषा व जानकारी।
परिवहन किसे कहते हैं (Transportation in Hindi)
परिवहन व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक वहन करने की सेवा या सुविधा को कहते हैं जिसमें मनुष्यों, पशुओं तथा विभिन्न प्रकार की गाड़ियों का प्रयोग किया जाता है। ऐसा गमनागमन स्थल, जल एवं वायु में होता है। सड़के और रेलमार्ग स्थलीय परिवहन का भाग हैं, जबकि नौपरिवहन तथा जलमार्ग एवं वायुमार्ग परिवहन के अन्य दो प्रकार हैं। पाइपलाइनें पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और तरल अवस्था में अयस्कों जैसे पदार्थों का परिवहन करती हैं।
परिवहन के प्रकार (Types of Transportation in Hindi)
विश्व परिवहन के प्रमुख प्रकार हैं - स्थल, जल, वायु परिवहन और पाइपलाइन हैं। इनका प्रयोग अंतर्प्रादेशिक तथा अंतरा-प्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है और पाइपलाइन को छोड़कर प्रत्येक यात्रियों और माल दोनों का वहन करता है।
स्थल परिवहन (Land Transportation in Hindi)
स्थल परिवहन से आशय भूमि मार्ग द्वारा वस्तुओं तथा यात्रियों को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाने से है। भारत में मार्गों एवं कच्ची सड़कों का उपयोग परिवहन के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। आर्थिक तथा प्रौद्योगिक विकास के साथ भारी मात्रा में सामानों तथा लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए पक्की सड़कों तथा रेलमार्गों का विकास किया गया है। रज्जुमार्गों, केबिल मार्गों तथा पाइप लाइनों जैसे साधनों का विकास विशिष्ट सामग्रियों को विशिष्ट परिस्थितियों में परिवहन की माँग को पूरा करने के लिए किया गया।
स्थल परिवहन के प्रकार
- सड़क परिवहन
- रेल परिवहन
- रोप-वे परिवहन
जल परिवहन (Water Transportation in Hindi)
भारत में जलमार्ग यात्राी तथा माल वहन, दोनों के लिए परिवहन की एक महत्वपूर्ण प्रकार है। यह परिवहन का सबसे सस्ता साधन है तथा भारी एवं स्थूल सामग्री के परिवहन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। जल परिवहन के महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि इसमें मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता। महासागर एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। इनमें विभिन्न आकार के जहाज चल सकते हैं। आवश्यकता केवल दोनों छोरों पर पत्तन सुविधएँ प्रदान करने की है। यह ईंधन-दक्ष तथा पारिस्थितिकी अनुकूल परिवहन प्रणाली है क्योंकि जल का घर्षण स्थल की अपेक्षा बहुत कम होता है। जल परिवहन की ऊर्जा लागत की अपेक्षाकृत कम होती है। जल परिवहन को समुद्री मार्गों और आंतरिक जल मार्गों में विभक्त किया जाता है।
जल परिवहन दो प्रकार का होता है
- अन्तः स्थलीय जलमार्ग
- महासागरीय जलमार्ग।
वायु परिवहन (Air Transportation in Hindi)
वायु परिवहन वायुमार्ग द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमनागमन का तीव्रतम साधन है। परंतु यह अत्यंत महँगा भी है। इसने यात्रा समय को घटाकर दूरियों को कम कर दिया है। तीव्रगामी होने के कारण लंबी दूरी की यात्रा के लिए यात्राी वायु परिवहन को वरीयता देते हैं। यह भारत जैसे विस्तृत देश वेफ लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यहाँ दूरियाँ बहुत लंबी हैं तथा भूभाग एवं जलवायवी दशाएँ भी विविधतापूर्ण हैं। भूकंप, बाढ़, भू-स्खलन, ऐवेलांच जैसी प्राकृतिक आपदाओं में वायु परिवहन के महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 में इलाहाबाद से नैनी के बीच हुई, लेकिन इसका वास्तविक विकास देश की स्वतंत्राता-प्राप्ति के पश्चात् हुआ।
वायु परिवहन के प्रकार
- घरेलु वायु परिवहन
- अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन
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