यहाँ पढ़िए भारत में रेल परिवहन का महत्व पर निबंध , "रेलवे पर निबंध ", "भारतीय रेलवे का महत्व तथा लाभ" तथा जानिए भारतीय रेलवे किन-किन सुधार की आवश्यकता
यहाँ पढ़िए भारत में रेल परिवहन का महत्व पर निबंध , "रेलवे पर निबंध ", "भारतीय रेलवे का महत्व तथा लाभ" तथा जानिए भारतीय रेलवे किन-किन सुधार की आवश्यकता है।
भारत में रेल परिवहन का महत्व पर निबंध - Essay on Indian Railways in Hindi
भारत में रेल परिवहन
भारतीय रेल तंत्र रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के बाद विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल तंत्र है। भारत जैसे विशाल देश में रेल परिवहन देश के दूर-दराज स्थित, कोने-कोने से आने वाले यात्रियों में मेल-जोल बढ़ाता है। रेल परिवहन तंत्र लम्बी दूरियों तक यात्रियों एवं उनके सामानों को पहुँचाने का सबसे आदर्श साधन है। यह भारतीय सरकार के विभिन्न संस्थानों की अपेक्षा सबसे अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
भारत में सबसे पहली ट्रेन वर्ष 1853 में मुम्बई से थाणे के बीच चली और 34 कि.मी की दूरी तय की। इस बीच भारतीय रेल तंत्रा में बहुत ज्यादा विकास तथा अभिवृद्धि हुई। स्वतंत्राता के पश्चात रेल तंत्रा की वृद्धि एवं विकास हुआ। भारतीय रेलवे को कुल 16 मंडलों में बनता गया जिसका हम निम्न सारिणी द्वारा अध्ययन कर सकते हैंः
भारत में रेलवे मंडल की संख्या
रेल-मंडल | मुख्यालय |
---|---|
सेंट्रल | मुंबई (सी.एस.टी) |
ईस्टर्न | कोलकाता |
ईस्ट सेंट्रल | हाजीपुर |
ईस्ट कोस्ट | भुवनेश्वर |
नार्दन | नई दिल्ली |
नार्थ सेंट्रल | इलाहाबाद |
नार्थ इस्टर्न | गोरखपुर |
नार्थ ईस्ट फ्रंटियर | मालीगाँव (गुवाहाटी) |
नार्थ वेस्टर्न | जयपुर |
सदर्न | चेन्नई |
साउथ सेंट्रल | सिकंदराबाद |
साउथ ईस्टर्न | कोलकाता |
साउथ ईस्ट सेंट्रल | बिलासपुर |
साउथ वेस्टर्न | हुबली |
वेस्टर्न | मुंबई (चर्च गेट) |
वेस्ट सेंट्रल | जबलपुर |
भारतीय रेल अपनी क्षमता और उपयोगिता की वृद्धि में लगातार प्रयत्नशील है। इसी संदर्भ में भारतीय रेल के आधुनिकीकरण के नए प्रतिमान ‘‘मेट्रो-रेल’’ के रूप में उभर कर आया। मेट्रो-रेल का मुख्य उद्देश्य महानगरों में द्रुत परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराना तथा बढ़ते यातायात के दबाव को नियंत्रित करना है। इस दिशा में दिल्ली पहला उदाहरण है जहाँ मेट्रो रेल सफलतापूर्वक दौड़ रही है।
रेल परिवहन का महत्व / लाभ
- रेल द्वारा वस्तुओं की ढुलाई में कोयला सबसे प्रमुख वस्तु रहा है। रेल परिवहन सेवा ने कोयला विहीन क्षेत्रों में भी औद्योगिक विकास को बढ़ाया है।
- औद्योगिक केन्द्रों पर कच्चे माल की ढुलाई कर रेलवे ने उद्योगों को बढ़ावा दिया।
- द्वितीयक उद्योगों को विकसित करने में रेलवे का योगदान महत्वपूर्ण रहा। यह अर्ध-निर्मित तथा पूर्ण तैयार उत्पादों को परिवहन करके वितरित करता है।
- रेल परिवहन तंत्रा ने निर्यात की वस्तुओं जैसे लौह-अयस्क, सीमेन्ट, खाद्यान्न इत्यादि का उत्पादन क्षेत्र से निर्यात स्थान तक पहुँचाने तथा विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सहायता पहुँचाई है।
- सीमेन्ट का परिवहन कर देश के दूर-दूर क्षेत्रो में भवन-निर्माण प्रक्रिया को प्रोन्नत करने में रेलवे का योगदान रहा है।
- देश के एक क्षेत्रा से दूसरे क्षेत्रा में उर्वरकों का परिवहन करके कृषि-उत्पादन के विकास में रेलवे का विशेष योगदान रहा है।
- भारतीय रेल परिवहन द्वारा खनिज-तेल बन्दरगाह तथा तेल शोधक संयत्रो से देश के आन्तरिक भागों तक पहुँचाया जाता है।
भारतीय रेल की क्षमता में सुधार लाने के उपाय
- कार्य-शील रेलवे लाइन की लम्बाई में काफी विस्तार करना।
- व्यस्त यातायात के प्रमुख रेलमार्गो का शीघ्रता से विद्युतीकरण करना।
- मीटर गेज रेल मार्गो को ब्रॉड गेज रेल मार्गों में बदलना।
- द्रुतगामी एवं अतिद्रुतगामी रेलगाड़ियाँ को चलाना।
- खाद्य-सामग्रियाँ ढ़ोने वाली विशिष्ट द्रुतगामी रेलगाड़ियों को चलाना।
- रेल गाड़ियों में आरक्षण की अच्छी और सुविधायुक्त प्रणाली को अपनाना।
- "इन्टरनेट" पर आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराना।
- ग्राहक सेवा केन्द्र का खोला जाना।
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