Essay on autobiography of a cricket bat in hindi : In this article, we are providing क्रिकेट बैट (बल्ले) की आत्मकथा पर निबंध कक्षा 5, 6, 7...
Essay on autobiography of a cricket bat in hindi : In this article, we are providing क्रिकेट बैट (बल्ले) की आत्मकथा पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9 और 10 के विद्यार्थियों के लिए. Hindi Essay on autobiography of a cricket bat.
Hindi Essay on "autobiography of a cricket bat", "क्रिकेट बैट (बल्ले) की आत्मकथा" for Class 5, 6, 7, 8, 9 & 10
प्रस्तावना- हाय, श्रीमान बैट, तुम क्यों रो रहे हो? तुम हमेशा अपने मालिक द्वारा क्यों फेंके जाते हो? श्रीमान टिनमैन ने मुझसे पूछा ? मैंने उसे अपनी दुःखी कहानी सुनाई। मेरा जन्म इंग्लैण्ड में हुआ था। मेरे पिता बहुत कीमत वाले वृक्ष थे। एक बल्ले बनाने वाले ने मुझे अच्छी तरह छीलकर बनाया। मैं एक सुन्दर और शक्तिशाली बल्ला था। मुझ पर अच्छी तरह पॉलिश की गयी। मेरे निर्माणकर्ता ने मुझे बहुत अच्छा और सर्वश्रेष्ठ निर्माण बताया, जो विश्व स्तर के क्रिकेटर के लिए उपयुक्त था। मैं अपने तीन भाईयों के साथ भारत आया। मैं कपिल देव द्वारा पसन्द किये जाने पर रोमांचित था।
मेरा सर्वश्रेष्ठ दिन- कपिल देव, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान अपने बल्लों का बहुत ध्यान रखते थे इसलिए मुझे उनसे बहुत प्रेम मिलता था। मुझे अभी तक याद है जब कपिल देव ने मेरे द्वारा प्रथम शतक लगाया था। यह 12 मार्च 1985 था मैं पाकिस्तान के विरूद्ध खेला गया। उस दिन कपिल देव ने प्रसन्नता में मुझे चूमा था।
दुर्घटना जो मैं नहीं भूल सका- समय प्रसन्नता से गुजर गया लेकिन इसका एक दिन अन्त हो गया। यह 12 जुलाई, 1987 था। यह मेरे जीवन का सबसे बुरा दिन था। जब कपिल देव अभ्यास कर रहे थे, उन्होंने गेंद को जोर से मारने का प्रयत्न किया। मेरी हड्डियाँ टूट गयीं। कपिल देव मेरी यह दशा देखकर बहुत दु:खी हुए। उन्होंने दु:खी ह्रदय से युवा लड़के सचिन को दे दिया। सचिन मेरा बहुत शौकीन था। उस पर कपिल का आशीर्वाद था। वह मुझ पर गर्व करता था। एक दिन जब वह अभ्यास कर रहे थे एक तेज गेंद ने मेरी हड्डियों को तोड़ दिया और यह मेरा अन्त था।
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