अमृता शेरगिल जीवनी इन हिंदी Amrita Sher Gil Biography in Hindi In this article, You will get अमृता शेरगिल जीवनी इन हिंदी। अमृता शेरगिल २०वी शताब्दी की एक महान चित्रकार थी। आइये जानते हैं अमृता शेरगिल के जीवन परिचय के बारे में। अमृता शेरगिल जीवनी इन हिंदी अमृता का जन्म 1913 में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हंगरी में हुआ था। उन्हें 20वीं शताब्दी के भारत का एक महत्वपूर्ण महिला चित्रकार माना जाता है। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल अभिजात वर्ग के सिख थे और उनकी मां मेरी एंटोनी गोट्समन एक हंगिरियन महिला थीं। अमृता का बचपन हंगरी के एक गांव में बीता था। साल 1921 में उनका परिवार शिमला के पास समरहिल में रहने आ गया। यहां उन्होंने पियानो और वायलिन सीखना शुरू किया।
अमृता शेरगिल जीवनी इन हिंदी Amrita Sher Gil Biography in Hindi
Amrita Sher Gil Biography in Hindi - In this article, You will get अमृता शेरगिल जीवनी इन हिंदी। अमृता शेरगिल २०वी शताब्दी की एक महान चित्रकार थी। आइये जानते हैं अमृता शेरगिल के जीवन परिचय के बारे में।
जन्म स्थान : भारत : प्रख्यांत महिला चित्रकार
जन्म : 30 जनवरी 1913
मृत्यु : 5 दिसम्बर 1941
व्यवसाय : प्रख्यांत महिला चित्रकार
अमृता शेरगिल जीवनी इन हिंदी अमृता का जन्म 1913 में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हंगरी में हुआ था। उन्हें 20वीं शताब्दी के भारत का एक महत्वपूर्ण महिला चित्रकार माना जाता है। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल अभिजात वर्ग के सिख थे और उनकी मां मेरी एंटोनी गोट्समन एक हंगिरियन महिला थीं। अमृता का बचपन हंगरी के एक गांव में बीता था। साल 1921 में उनका परिवार शिमला के पास समरहिल में रहने आ गया। यहां उन्होंने पियानो और वायलिन सीखना शुरू किया। अमृता की चित्रकारी में रूचि विकसित हुई। एक इटेलियन मूर्तिकार शिमला में रहता था। मूर्तिकार इटली गया, तो शेरगिल की मां भी उसके साथ बेटी को लेकर चली गईं।
इटली में अमृता को एक रोमन कैथोलिक संस्थान में भर्ती करा दिया गया। वहां उन्होंने कई दिग्गीज इटालियन चित्रकारों के काम को करीब से देखा। 1927 में अमृता भारत वापस आई और इरविन बैकले से चित्रकारी सीखने लगीं। 16 वर्ष की उम्र में अमृता कला का अध्ययन करने के लिए फ्रांस गईं। उन्होंने पेरिस में फाइन आर्ट्स में डिग्री ली। उनकी शुरुआती पेंटिंगों में से एक द टोरसो थी ने जिसमें नग्नता का अध्ययन था। बोल्डीनेस के कारण पेंटिंग काफी चर्चित हुई। 1933 में अमृता ने यंग गर्ल्स पूरी की। समीक्षक और कला के पारखी इस पेंटिंग से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें पेरिस के ग्रांड सेलून को एसोसिएट चुन लिया गया।
1934 में शेरगिल भारत लौट आईं और अपनी एक विशिष्ट शैली विकसित की। उनकी पेंटिंगों के विषय गरीब, गांववाले और भिखारी थे। 1937 में अमृता दक्षिण भारत गईं। यहां से उन्हेंक सादगी की प्रेरणा मिली। 1938 में वह हंगरी चली गईं और अपने कजि़न विक्टर इगान से शादी कर ली। 1939 में अमृता वापस भारत आ गईं और दोबारा पेंटिंग शुरू कर दी। सन 1941 में अमृता शेरगिल स्वास्थ्य खराब होने के कारण कोमा में चली गयीं। 6 दिसम्बर 1941 को उनकी मृत्यु लाहौर में हो गयी।
COMMENTS