मैक्सिम गोर्की की जीवनी। Maxim Gorky Biography in Hindi मैक्सिम गोर्की को ‘गरीब लोगों के साहित्य का पिता’ कहा जाता है। उन्होंने रूसी समाज के मेहनतकश आम लोगों के लिए भावनात्मक विवरण के साथ लिखा। मैक्सिम गोर्की का जन्म 28 मार्च 1868 में रूस में हुआ था। उनका वास्विकनाम एलेक्सी मैक्सीमोनिच पेशकोव गोर्की था। चार साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया। गोर्की अपने नाना-नानी के साथ रहे। उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था। अजीविका चलाने के लिए गोर्की ने कई तरह के कार्य किए। वह खुद का स्वयं शिक्षित करने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए पत्रकार बन गए। गोर्की ने क्रांतिकारी गतिविधियों में भी भाग लिया और 1889 में गिरुफ्तार कर लिए गए। बाद में उन्हें मुक्त कर दिया।
मैक्सिम गोर्की की जीवनी। Maxim Gorky Biography in Hindi
नाम : मैक्सिम गोर्की
व्यवसाय : विश्वप्रसिद्ध लेखक
जन्म : 28 मार्च 1868
मृत्यु : 18 जून 1936
मैक्सिम गोर्की को ‘गरीब लोगों के साहित्य का पिता’ कहा जाता
है। उन्होंने रूसी समाज के मेहनतकश आम लोगों के लिए भावनात्मक विवरण के साथ
लिखा। एक उपन्यास मदर भी लिखा था, जिसे साहित्य में एक कालजयी रचना माना जाता है।
इस उपन्यास का अनुवाद विश्व के सभी प्रमुख भाषाओं में हुआ।
मैक्सिम गोर्की का जन्म 28 मार्च 1868 में रूस में हुआ था। उनका वास्विकनाम
एलेक्सी मैक्सीमोनिच पेशकोव गोर्की था। चार साल की उम्र में ही उन्होंने अपने
पिता को खो दिया। गोर्की अपने नाना-नानी के साथ रहे। उन्हें पढ़ने का बहुत शौक
था। अजीविका चलाने के लिए गोर्की ने कई तरह के कार्य किए। वह खुद का स्वयं
शिक्षित करने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए पत्रकार बन गए। गोर्की ने क्रांतिकारी
गतिविधियों में भी भाग लिया और 1889 में गिरुफ्तार कर लिए गए। बाद में उन्हें
मुक्त कर दिया।
एक बार गोर्की को राजनीतिक निर्वासन मिला हुआ था, तब उन्हें
लिखने की प्रेरणा मिली। उन्होंने एक प्रसिद्ध कहानी मकर चुद्र लिखी, जो एक स्थानीय
दैनिक में प्रकाशित हुई। इस कहानी का प्रकाशित होना गोर्की के लिए एक प्रेरित करने
वाली घटना थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक समर्पित लेखक
बन गए। गोर्की के लेखन में दिल को हिला देने वाली क्रूरता और अन्याय के विवरण
मिलते हैं, जिन्हें रूस के लोगों ने क्रांति के पहले भोगा था। गोर्की की लोगों
के अधिकार संपन्न देखने कि जो आकांक्षा थी, वह 1917 में रूस की क्रांति के रूप में सत्य
सिद्ध हुई। गोर्की ने रूस में अलग-अलग स्थानों की यात्राएं कीं और अपने
देशवासियों की दयनीय अवस्था को देखा। वह एक असाधारण साहित्यकार थे, जिन्होंने
उपन्यासों, नाटकों, कहानियों और आत्मकाथा द्वारा जीवन की कठिन
परिस्थितियों के बारे में लिखा।
मैक्सिम गोर्की की मृत्यु 1936 में हुई।
COMMENTS