In this article, we are providing 10 lines about Ishwar Chandra Vidyasagar in Hindi. In this few / some lines on Ishwar Chandra Vidyasagar, you will get a few sentences about Ishwar Chandra Vidyasagar in Hindi. A short essay on Ishwar Chandra Vidyasagart. हिंदी में ईश्वर चंद्र विद्यासागर पर 10 वाक्य। ईश्वर चंद्र विद्यासागर 19वीं सदी के महान समाज सुधारक व दार्शनिक है। ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर 1820 को कोलकाता में हुआ। उन्होंने 1856 ईसवी में विधवा पुनर्विवाह के विरुद्ध कानून बनवाया। उनके पिता का नाम ठाकुरदास बन्धोपाध्याय और माता का नाम भगवती देवी था। उन्होंने बहुपत्नी प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी आवाज उठाई थी। ईश्वर चंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने खुद अपने बेटे की शादी एक विधवा से करवाई थी। विद्यार्थी जीवन में ही संस्कृत कॉलेज ने उन्हें 'विद्यासागर' की उपाधि प्रदान की। उन्होंने सीता बनवास शकुंतला वेताल पंचविंशती नामक पुस्तक लिखी।
10 lines on Ishwar Chandra Vidyasagar in hindi
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर 19वीं सदी के महान समाज सुधारक व दार्शनिक है।
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर 1820 को कोलकाता में हुआ।
- उन्होंने 1856 ईसवी में विधवा पुनर्विवाह के विरुद्ध कानून बनवाया।
- उनके पिता का नाम ठाकुरदास बन्धोपाध्याय और माता का नाम भगवती देवी था।
- उन्होंने बहुपत्नी प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी आवाज उठाई थी।
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक थे।
- उन्होंने खुद अपने बेटे की शादी एक विधवा से करवाई थी।
- विद्यार्थी जीवन में ही संस्कृत कॉलेज ने उन्हें 'विद्यासागर' की उपाधि प्रदान की।
- उन्होंने सीता बनवास शकुंतला वेताल पंचविंशती नामक पुस्तक लिखी।
- उन्होंने बांग्ला लिपि की वर्णमाला को सरल व तर्क सम्मत बनाने का कार्य किया।
- सुधारक के रूप में उन्हें राजा राममोहन राय का उत्तराधिकारी माना जाता है।
- उनके सम्मान में करमार्तंड स्टेशन का नाम विद्यासागर रेलवे स्टेशन रखा गया।
- उन्होंने 52 पुस्तकें लिखीं जिनमें से 16 संस्कृत 5 अंग्रेजी तथा शेष बांग्ला भाषा में थी।
- ऐसे देवतुल्य महामानव की 29 जुलाई 1891 मृत्यु सन् में हो गयी।
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