मेरा प्रिय खिलाड़ी विराट कोहली निबंध। My Favourite Player Virat Kohli Essay in Hindi! विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और मेरे प्रिय खिलाड़ी हैं। वह दाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं। कोहली को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वह इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं और 2013 से टीम के कप्तान हैं। वह युवाओं के पसंदीदा खिलाड़ी हैं और इसके कई कारण भी हैं जो की निम्नलिखित हैं-विराट कोहली के लिए अनुशासन सिर्फ एक शब्द नहीं है। यह जीवन जीने का एक तरीका है। विराट कोहली का मानना है कि कड़ी मेहनत आपको शीर्ष पर पहुंचा देगी, लेकिन खुद को शीर्ष पर बनाए रखने के लिए आपको अनुशासन की आवश्यकता होती है। अन्यथा आपके प्रतियोगी आपको पीछे छोड़ देंगे।
मेरा प्रिय खिलाड़ी विराट कोहली निबंध। My Favourite Player Virat Kohli Essay in Hindi
विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और मेरे प्रिय खिलाड़ी हैं। वह दाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं। कोहली को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वह इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं और 2013 से टीम के कप्तान हैं। वह युवाओं के पसंदीदा खिलाड़ी हैं और इसके कई कारण भी हैं जो की निम्नलिखित हैं :
अनुशासन : विराट कोहली के लिए अनुशासन सिर्फ एक शब्द नहीं है। यह जीवन जीने का एक तरीका है। विराट कोहली का मानना है कि कड़ी मेहनत आपको शीर्ष पर पहुंचा देगी, लेकिन खुद को शीर्ष पर बनाए रखने के लिए आपको अनुशासन की आवश्यकता होती है। अन्यथा आपके प्रतियोगी आपको पीछे छोड़ देंगे।
वह अपने शुरुआती क्रिकेट के दिनों में जंक फूड पीते और खाते थे। इस प्रकार वह आलसी हो गया और उसका प्रदर्शन खराब हो गया। तब उन्होंने पूरी तरह से जंक फूड छोड़ने का फैसला किया और न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे योग्य और सबसे अनुशासित एथलीट बन गए।
समर्पण/लगन : जब विराट केवल 18 वर्ष के ही थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया। इस पारिवारिक त्रासदी के बावजूद भी वह अपने पिता के निधन के अगले ही दिन दिल्ली के लिए मैच खेले और उन्होंने मैच जिताया भी। यह इस युवा खिलाड़ी का क्रिकेट के प्रति समर्पण दर्शाता है। उनका मानना है कि लगन और समर्पण ही आपको सफलता दिलाते हैं। यदि आप अपने पेशे के प्रति ईमानदारी से समर्पित रहते हैं तो आप सफल अवश्य होंगे।
सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान : विराट कोहली अपने सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं और उनसे सदैव कुछ सीखने की कोशिश करते हैं। भारत में वीरेंद्र सहवाग, सचिन, सौरभ गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बहुत से दिग्गज खिलाड़ियों खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने युवाओं पर बहुत प्रभाव डाला। उनके साथ खेलना और ड्रेसिंग रूम साझा करना हर युवा क्रिकेटर का सपना होता है। विराट कोहली को अपने करियर के शुरुआती दौर में ही यह मौका मिला। खुद विराट कोहली ने भी कई बार माना कि उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों से क्रिकेट के खेल के बारे में बहुत कुछ सीखा है। जब विराट कोहली टीम में नए थे तब वह थोड़ा धीमा खेलते थे और रन बनाने में समय लेते थे। एक बार वीरेंद्र सहवाग ने उनसे तेजी से रन बनाने के लिए कहा। 2013 में विराट कोहली ने सहवाग के 2009 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पता चलता है कि वह कितनी जल्दी सीख सकते हैं और एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में टीम को संभाल सकते हैं।
दबाव में बेहतर प्रदर्शन : विराट कोहली दबाव में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। जब भी भारतीय टीम कठिन परिस्थिति में होती है तो सभी की निगाहें विराट कोहली पर टिकी होती हैं। जब तक विराट कोहली मैदान पर खड़े रहते हैं, इंडिया के जीतने की संभावना बनी रहती है। यह दिखाता है कि विराट कोहली दबाव में कितना बेहतर खेलते हैं और उनके देशवासियों को उनके ऊपर कितना विश्वास है। वह बड़े से बड़े स्कोर का आसानी से पीछा करते हैं। उन्होंने एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में हमेशा ही भारत के लिए बड़े स्कोर बनाए हैं और मैच जिताए हैं। कोहली तीसरे ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने एक ही वर्ष में तीन बार दोहरे शतक लगाए हैं। इससे यह पता चलता है कि यह खिलाड़ी दबाव में खेलने में कितना सक्षम है।
वह अपने शुरुआती क्रिकेट के दिनों में जंक फूड पीते और खाते थे। इस प्रकार वह आलसी हो गया और उसका प्रदर्शन खराब हो गया। तब उन्होंने पूरी तरह से जंक फूड छोड़ने का फैसला किया और न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे योग्य और सबसे अनुशासित एथलीट बन गए।
समर्पण/लगन : जब विराट केवल 18 वर्ष के ही थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया। इस पारिवारिक त्रासदी के बावजूद भी वह अपने पिता के निधन के अगले ही दिन दिल्ली के लिए मैच खेले और उन्होंने मैच जिताया भी। यह इस युवा खिलाड़ी का क्रिकेट के प्रति समर्पण दर्शाता है। उनका मानना है कि लगन और समर्पण ही आपको सफलता दिलाते हैं। यदि आप अपने पेशे के प्रति ईमानदारी से समर्पित रहते हैं तो आप सफल अवश्य होंगे।
सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान : विराट कोहली अपने सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं और उनसे सदैव कुछ सीखने की कोशिश करते हैं। भारत में वीरेंद्र सहवाग, सचिन, सौरभ गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बहुत से दिग्गज खिलाड़ियों खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने युवाओं पर बहुत प्रभाव डाला। उनके साथ खेलना और ड्रेसिंग रूम साझा करना हर युवा क्रिकेटर का सपना होता है। विराट कोहली को अपने करियर के शुरुआती दौर में ही यह मौका मिला। खुद विराट कोहली ने भी कई बार माना कि उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों से क्रिकेट के खेल के बारे में बहुत कुछ सीखा है। जब विराट कोहली टीम में नए थे तब वह थोड़ा धीमा खेलते थे और रन बनाने में समय लेते थे। एक बार वीरेंद्र सहवाग ने उनसे तेजी से रन बनाने के लिए कहा। 2013 में विराट कोहली ने सहवाग के 2009 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पता चलता है कि वह कितनी जल्दी सीख सकते हैं और एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में टीम को संभाल सकते हैं।
दबाव में बेहतर प्रदर्शन : विराट कोहली दबाव में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। जब भी भारतीय टीम कठिन परिस्थिति में होती है तो सभी की निगाहें विराट कोहली पर टिकी होती हैं। जब तक विराट कोहली मैदान पर खड़े रहते हैं, इंडिया के जीतने की संभावना बनी रहती है। यह दिखाता है कि विराट कोहली दबाव में कितना बेहतर खेलते हैं और उनके देशवासियों को उनके ऊपर कितना विश्वास है। वह बड़े से बड़े स्कोर का आसानी से पीछा करते हैं। उन्होंने एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में हमेशा ही भारत के लिए बड़े स्कोर बनाए हैं और मैच जिताए हैं। कोहली तीसरे ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने एक ही वर्ष में तीन बार दोहरे शतक लगाए हैं। इससे यह पता चलता है कि यह खिलाड़ी दबाव में खेलने में कितना सक्षम है।
उपसंहार : विराट कोहली लगन व समर्पण की प्रतिमूर्ति हैं। वह युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं वह एक अनुशासित बल्लेबाज तथा एक सफल कप्तान है जिन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को सफलताएं दिलाएं उनके इन्हीं सब गुणों के कारण वह मेरे प्रिय खिलाड़ी हैं
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