पेंगुइन पर निबंध। Essay on Penguin in Hindi! पेंगुइन एक विशालकाय जलीय पक्षी है। यह उड़ने में असमर्थ होता है। पेंगुइन के पंख फ्लिपर्स अर्थात चप्पू के आकार के होते हैं। पेंगुइन एक सामाजिक प्राणी है। वह समुदाय में रहना पसंद करते हैं। पेंगुइन मुख्यतः दक्षिणी गोलार्ध में पाए जाते हैं। गैलापागोस पेंगुइन एकमात्र ऐसा पेंगुइन है जो उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है। पेंगुइन अपने जीवन का अधिकांश समय भोजन की तलाश में पानी के भीतर बिताते हैं। पेंगुइन मांसाहारी होते हैं। यह ज्यादातर मछली खाते हैं। वे किस प्रकार की मछली खाते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कहाँ रहते हैं। वे क्रिल, स्क्विड, क्रस्टेशियन और ऑक्टोपस भी खाते हैं।
पेंगुइन पर निबंध। Essay on Penguin in Hindi
पेंगुइन एक विशालकाय जलीय पक्षी है। यह उड़ने में असमर्थ होता है। पेंगुइन के पंख फ्लिपर्स अर्थात चप्पू के आकार के होते हैं। पेंगुइन एक सामाजिक प्राणी है। वह समुदाय में रहना पसंद करते हैं। पेंगुइन मुख्यतः दक्षिणी गोलार्ध में पाए जाते हैं। गैलापागोस पेंगुइन एकमात्र ऐसा पेंगुइन है जो उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है। पेंगुइन अपने जीवन का अधिकांश समय भोजन की तलाश में पानी के भीतर बिताते हैं। पेंगुइन मांसाहारी होते हैं। यह ज्यादातर मछली खाते हैं। वे किस प्रकार की मछली खाते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कहाँ रहते हैं। वे क्रिल, स्क्विड, क्रस्टेशियन और ऑक्टोपस भी खाते हैं।
पेंगुइन का रंग : पेंगुइन का रंग सामने की ओर से सफेद जबकि पीठ की तरफ से काला या नीला होता है। इस प्रकार जब पेंगुइन पानी के भीतर भीतर होते हैं, तो नीचे से देखने पर उनका सफेद रंग आकाश के रंग के साथ मिल जाता है और ऊपर से देखने पर काला रंग समुद्र की सतह के जैसा दिखाई पड़ता है।
पेंगुइन की विशेषताएं : पेंगुइन संवाद करने के लिए विभिन्न प्रकार की आवाजों निकालते हैं। वह अपना सिर और पंख हिलाकर भी संवाद करते हैं। पेंगुइन उत्कृष्ट तैराक होते हैं। वह 15 से 20 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकते हैं तथा अपनी सांस को 20 मिनट तक रोक रख सकते हैं। यह किसी भी अन्य पक्षी की तुलना में अधिक गहरा गोता लगा सकते हैं
पेंगुइन के प्रकार : पेंगुइन की 17 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से कई प्रजातियां तो लुप्त हो चुकी है इनमें से कुछ प्रमुख पेंगुइन का विवरण इस प्रकार है:-
1. एडीली पेंगुइन - यह पेंगुइन आकार में छोटा होता है। यह अंटार्कटिक महाद्वीप के तटों में बहुतायत से पाया जाता है।
2. एंपरर पेंगुइन - यह पेंगुइन की सबसे बड़ी जाती है। इनका कद 3 फीट से भी अधिक हो सकता है और यह भी अंटार्कटिक महाद्वीप में ही रहते हैं।
3. किंग पेंगुइन - राजा पर्विन दूसरा सबसे बड़ा पेंगुइन होता है। यह अंटार्कटिक के साथ-साथ फ़ॉकलैंड द्वीप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में पाया जाता है।
4. मैकरोनी पेंगुइन - यह पेंगुइन अपने सिर के ऊपर लंबे नारंगी पंखों के लिए प्रसिद्ध है। यह लगभग 28 इंच ऊंचे होते हैं तथा 11 पाउंड वजनी होते हैं। इनका निवास स्थान भी अंटार्कटिक महाद्वीप है।
5. लिटिल पेंगुइन - यह पेंगुइन की सबसे छोटी प्रजाति होती है। इनकी लंबाई केवल 40 सेंटीमीटर होती है यह समुदाय में रहते हैं।
6. रॉकहॉपर पेंगुइन - ये अंटार्कटिक में पाए जाते हैं, इस क्रेस्टेड पेंगुइन के सिर पर अलग-अलग रंग के रेशेदार पंख होते हैं। यह छोटा होता है, आमतौर पर इसका वजन लगभग 5 पाउंड होता है।
पेंगुइन और मनुष्य : पेंगुइन को इंसानों से कोई खास डर नहीं लगता और अक्सर पेंगुइन बिना किसी हिचकिचाहट के इंसानों के करीब आ जाते हैं। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि अंटार्कटिका के आसपास के किसी भी द्वीप में कोई भी ऐसा शिकारी नहीं है जो जमीन पर पेंगुइन पर हमला करता है या उसका शिकार करता है। इसके विपरीत जब पेंगुइन समुद्र के भीतर होते हैं तो उन्हें सील और शार्क जैसे शिकारियों से खतरा होता है। आमतौर पर पेंगुइन मनुष्यों के 3 मीटर से ज्यादा करीब नहीं आते और यदि वह इससे ज्यादा करीब आ जाते हैं तो वह घबराकर खुद ही पीछे हट जाते हैं।
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