10 Lines on Rahim Das in Hindi : रहीम दास जी का जन्म सन् 1556 में लाहौर में हुआ था। रहीम दास का पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना था। अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। रहीम के पिता बैरम खाँ तेरह वर्षीय अकबर के शिक्षक तथा संरक्षक थे। रहीम अरबी, तुर्की, फ़ारसी, संस्कृत और हिन्दी के अच्छे ज्ञाता थे। रहीम का व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न था। रहीम दास जी एक कुशल सेनापति, कूटनीतिज्ञ, कवि एवं विद्वान थे। रहीम का पालन-पोषण अकबर ने अपने धर्म-पुत्र की तरह किया। रहीम का विवाह लगभग सोलह साल की उम्र में माहबानों बेगम हुआ। रहीम ने अपनी रचनाओं में अवधी और ब्रजभाषा का प्रयोग किया है। मुग़ल बादशाह अकबर ने रहीम को 'मीरअर्ज' की उपाधि से विभूषित किया। 1583 में उन्हें शहज़ादे सलीम का शिक्षक नियुक्त किया गया।
10 Lines on Rahim Das in Hindi
- रहीम दास जी का जन्म सन् 1556 में लाहौर में हुआ था।
- रहीम दास का पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना था।
- अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक थे।
- वह बैरम खाँ तथा सलीमा सुल्ताना बेगम के पुत्र थे।
- रहीम के पिता बैरम खाँ तेरह वर्षीय अकबर के शिक्षक तथा संरक्षक थे।
- रहीम अरबी, तुर्की, फ़ारसी, संस्कृत और हिन्दी के अच्छे ज्ञाता थे।
- रहीम का व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न था।
- रहीम दास जी एक कुशल सेनापति, कूटनीतिज्ञ, कवि एवं विद्वान थे।
- रहीम का पालन-पोषण अकबर ने अपने धर्म-पुत्र की तरह किया।
- रहीम का विवाह लगभग सोलह साल की उम्र में माहबानों बेगम से हुआ।
- रहीम ने अपनी रचनाओं में अवधी और ब्रजभाषा का प्रयोग किया है।
- मुग़ल बादशाह अकबर ने रहीम को 'मीरअर्ज' की उपाधि से विभूषित किया।
- 1583 में उन्हें शहज़ादे सलीम का शिक्षक नियुक्त किया गया।
- रहीम दास जी मुसलमान होते हुए भी भगवान कृष्ण के भक्त थे।
- उनके काव्य में नीति, भक्ति–प्रेम तथा श्रृंगार आदि के दोहों का समावेश है।
- रहीम दोहावली, बरवै, नायिका भेद, मदनाष्टक आदि उनकी प्रमुख रचनाये हैं।
- 70 वर्ष की उम्र में 1626 ई. में रहीम का देहांत हो गया।
- रहीम का मकबरा, मुगल बादशाह हुमायूं के मकबरे के नजदीक स्थित है।
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