प्रकृति के अनमोल उपहार पर निबंध। Essay on Gifts of Nature in hindi : कृति हमारा अस्तित्व है। चाँद, सूरज, तारे, पहाड़, नदियाँ इत्यादि सब प्रकृति है। छोटे जीव से लेकर बडा जीव भी प्रकृति में समाहित है। पृथ्वी पर जीवन प्रकृति का महानतम उपहार है और यह पृथ्वी पर अनेक आकार और प्रकार में पाया जाता है। इस ग्रह पर जीव और जीवन बनाने के बाद, प्रकृति ने जीवन के आकारों में वृद्धि के लिए स्वस्थ और उचित पर्यावरण दिया है। वायु द्वारा हम साँस लेते हैं, खाद्य पदार्थ से हमारे शरीर में वृद्धि होती है, जल हमारी प्यास बुझाता है। यदि इनमें से प्रकृति एक चीज भी उपलब्ध नहीं कराये तो इस ग्रह पर हमारा जीवन असम्भव है।
प्रस्तावना- प्रकृति हमारा अस्तित्व है। चाँद, सूरज, तारे,
पहाड़, नदियाँ इत्यादि सब प्रकृति है। छोटे जीव से लेकर बडा जीव भी
प्रकृति में समाहित है। पृथ्वी पर जीवन प्रकृति का महानतम उपहार है और यह पृथ्वी
पर अनेक आकार और प्रकार में पाया जाता है।
जीवन के दृष्टिगोचर उपहार- पृथ्वी पर जीवन के उपहार अनेक रूपों में दृष्टिगोचर होते
हैं। यह अलग आकारों, भूमि,
वायु और जल इत्यादि रूपों में
दृष्टिगोचर होते हैं। मानव और जीव की विभिन्न जातियों जल और भूमि पर रहती हैं और
प्रकृति इन्हें हर प्रकार से एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करती हैं जिसमें यह जीव
शारीरिक और मानसकि वृद्धि करते हैं। इसके अतिरिक्त हम विशाल वृक्षों और छोटे पौधों
के जीवन को भी देखते हैं, प्रकृति
इन्हें भी एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करती हैं।
स्वस्थ पर्यावरण- इस ग्रह पर जीव और जीवन बनाने के बाद,
प्रकृति ने जीवन के आकारों में वृद्धि
के लिए स्वस्थ और उचित पर्यावरण दिया है। वायु द्वारा हम साँस लेते हैं,
खाद्य पदार्थ से हमारे शरीर में
वृद्धि होती है, जल
हमारी प्यास बुझाता है। यदि इनमें से प्रकृति एक चीज भी उपलब्ध नहीं कराये तो इस
ग्रह पर हमारा जीवन असम्भव है। इस प्रकार हमें प्रकृति के उपहारों की प्रशंसा करनी
चाहिए। प्रकृति के इन उपहारों के अतिरिक्त इस ग्रह पर पत्थर भी एक बड़ा उपहार है।
पत्थर को घिस कर ही मानव ने सबसे पहले आग जलाना सीखा और फिर पत्थर की सहायता से ही हथियार बनाएं। इन सब उपहारों को देखने की शक्ति भी एक महान
उपहार है। यदि यह आँखें न होती तो इन सबको हम कैसे देख पाते और कैसे इनकी प्रशंसा
कर पाते ? एक अन्धे व्यक्ति से
पूछिए कि वह कैसा अनुभव करता है जब वह इन प्रकृति के उपहारों को नहीं देख सकता है
और न ही उनका वर्णन कर सकता है। उसके पास तो देखने के लिए अंधकार के अतिरिक्त और
कुछ नहीं होता। यह उपहार हमारे जीवन को आनन्दित बनाते हैं। प्रकृति के उपहार
अनगिनत हैं लेकिन हम इनके महत्व को जब ही समझ पाते हैं जब यह हमारे पास नहीं होते।
आज हम इनके मूल्य को नहीं जानते इसलिए हम इनका दुरुपयोग कर रहे हैं।
जीव और उनके प्राकृतिक वास- जीव सदैव घने जंगलों में रहते हैं। इस प्रकार प्रकृति
इन्हें प्राकृतिक वास उपलब्ध कराती है। कुछ जीव भूमि पर रहते हैं तो कुछ जीव
वृक्षों, पहाड़ों और बर्फीले
मैदानों में रहते हैं। प्रकृति इन्हें इनके प्राकृतिक वास के अनुसार पर्यावरण
उपलब्ध कराती है और वही दशाएँ उपलब्ध कराती हैं जिसमें यह रहना पसन्द करते हैं।
प्रकृति मनुष्य को ही नहीं अपितु जीवों को भी अत्यधिक विशेषताएँ उपलब्ध कराती हैं।
इस प्रकार प्रकति के उपहार अत्यधिक है। हमें इनका
उपयोग करना चाहिए न कि दुरुपयोग।
COMMENTS