जीवन में अनुशासन का महत्व हिंदी निबंध। E ssay on Discipline in Hindi प्रस्तावना- हमारे जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है। अनुशासन से अ...
जीवन में अनुशासन का महत्व हिंदी निबंध। Essay on Discipline in Hindi
प्रस्तावना- हमारे जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है। अनुशासन से अभिप्राय जीवन को उचित और नियमानुसार
व्यतीत करना है। बिना अनुशासन के जीवन जीवन नहीं है। हमें नियम द्वारा मार्गदर्शन
प्राप्त होता है। अनुशासन राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी है मात्र वही राष्ट्र प्रत्येक
क्षेत्र में उन्नति करते हैं जहां के नागरिकों में अनुशासन होता है। वे अन्य
राष्ट्रों पर शासन करते हैं। अनुशासन समाज की मूल्यवान संपत्ति है जिस परिवार में
अनुशासन नहीं होता वहां हर समय झगड़े होते हैं। वह शिक्षण संस्था जहां अनुशासन
नहीं है वह अच्छी शिक्षा नहीं दे सकता। भारत में ऐसे अनेक शिक्षण संस्थान है जहां कक्षा लेने, ना लेने, उपस्थित होने, ना होने, पढ़ने, ना पढ़ने से कोई प्रभाव
नहीं पड़ता है। ऐसे शिक्षण संस्थान सब्जी के बाजार की तरह होते हैं।
अनुशासन और विकासशील देश- अनुशासनहीनता विकासशील देशों की प्रमुख विशेषता है।
यही कारण है कि भारत, पाकिस्तान, अफ्रीका आदि राष्ट्र के लोग उन्नति नहीं कर पाते हैं।
भारत में अनुशासनहीनता वैधानिक सभाओं और संसद में देखी जा सकती है। संसद में एक
दूसरे पर कुर्सियां फेंकी जाती हैं जो कि अनुशासनहीनता का प्रमुख उदाहरण है। एक
दूसरे को गालियां बकते हैं। यह तो कानूनी और देश के उच्च पद वाले अधिकारी होते हैं
और यही सबसे अधिक अनुशासनहीन होते हैं। ऐसे में हम राष्ट्रीय और सामाजिक जीवन में साधारण लोगों से क्या आशा
रख सकते हैं? राजनीतिक नेताओं की अनुशासनहीनता समाज में स्पष्ट दिखाई पड़ती है और इसकी
छाया भी संपूर्ण समाज में पड़ती है। संपूर्ण राष्ट्र पीड़ित होता है। फलस्वरूप राष्ट्र
उन्नति नहीं कर पाता।
अनुशासन और यूरोप- अनुशासन यूरोपीय देशों, जापान और इजराइल में सबसे
अधिक देखा जाता है यही कारण है कि ये राष्ट्र उन्नति कर पाते हैं। अनुशासन लोगों
में जिम्मेदारी से जन्मता है। लोगों का विकास अपने राष्ट्र का दायित्व जानने से
होता है यही कारण है कि कैसे जापान ने संपूर्ण संसार में अपना एक स्थान और पद
बनाया है।
दासता का जीवन- अनुशासनहीन लोग दासता का जीवन व्यतीत करते हैं। अनुशासनहीन देशों में लोकतंत्र एक मजाक है। तानाशाह सेना की सहायता से शासन करते हैं। सेना
ही मात्र इन देशों में अनुशासनीय तत्व होती है। अनुशासन साम्यवादी राष्ट्रों में
लागू किया जाता था। यदि किसी कारण हमारी सेना अपना अनुशासन त्याग दे तो क्या हम अन्य राष्ट्रों के गुलाम नहीं हो जायेंगे?
सफलता के लिए अनुशासन आवश्यक- अनुशासन जीवन में सफलता के लिए सबसे आवश्यक है।
अनुशासन सबसे आवश्यक है चाहे आप विद्यालय में हो या घर पर। यह कार्यालय में भी
आवश्यक है और खेल के मैदान में भी। बिना अनुशासन के हम संसार में कुमार्ग पर चले जायेंगे। इसलिए हर प्रकार का अनुशासन हर स्थान पर आवश्यक होता है। यही
कारण है कि जीवन में अनुशासन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
अशासन के अध्ययन की आवश्यकता- हमें जीवन के सभी चरणों पर अनुशासन का अध्ययन करना चाहिए। बाल्यकाल इसके लिए
सबसे अच्छा समय होता है। युवा मस्तिष्क वस्तुओं को सरलता से और शीघ्रता से सीख
जाता है। स्कूल में, विद्यार्थियों को
अन्यों के साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाया जाता है। वे अपने बड़े का सम्मान करना भी
सीखते हैं। खेल के मैदान में लड़कों को खेल के नियमों का अनुसरण करना सिखाया जाता
है। इसलिए विद्यार्थी जीवन सर्वश्रेष्ठ काल होता है जिसमें अनुशासन का मूल्य सीखते
हैं।
अनुशासनहीनता महान दैत्य- मनुष्य बिना अनुशासन के एक पशु के समान है। उसका जीवन और कार्य बिना उद्देश्य
के होते हैं। वर्तमान काल में, अनुशासनहीनता एक महान दैत्य है। यह जीवन के प्रत्येक चरण में बढ़ता है। दोनों, युवा और वृद्ध, बिना नियम के कार्य
करते हैं। आज जुर्म, चोरियाँ, भ्रष्टाचार बढ़ रहा
है। लोग अनुशासन का मूल्य भूल चुके हैं। भारत में भीड़ से लदी बसें और रेलें एक
साधारण बात है। बिना टिकट के यात्रा भी एक साधारण बात है।
अनुशासनहीनता का कारण- रोजगार की कमी अनुशासनहीनता का सबसे प्रमुख कारण हैं। अधिक जनसंख्या इस कारण
को और बढ़ा देती हैं। विद्यालयों और महाविद्यालयों में अधिक भीड़ भी अनुशासनहीनता
का कारण है।
उपसंहार- वास्तव में, अनुशासन मूल्यवान
है। यह किसी के चरित्र का निर्माण करता है। इससे शक्ति और एकता का विकास होता है।
यह जीवन की सफलता की कुंजी है।
very long
ReplyDelete