समाचार पत्र की आत्मकथा पर निबंध। Autobiography of Newspaper in Hindi : मेरा नाम बॉम्बे क्रॉनिकल है और मैं एक समाचार पत्र हूँ। मेरा जन्म 1857 में बॉम्बे ( वर्तमान में मुंबई) में हुआ था। मैंने प्रारम्भ से स्वतंत्रता संघर्ष के उतार-चढ़ाव देखे हैं। अब तक की सबसे बड़ी खबर, भारत के विद्रोह 1857 में मेरे द्वारा दी गयी थी। मैं लगातार पूरे देश में पार्सल होता था। उस समय मेरा मूल्य एक पैसे था और मैं सभी शिक्षित व्यक्तियों, वायसराय, राजाओं, महाराजाओं, उद्योगपतियों द्वारा पढ़ा जाता था।
समाचार पत्र की आत्मकथा पर निबंध। Autobiography of Newspaper in Hindi
प्रस्तावना- जीवन एक लंबी यात्रा है। यह यात्रा भूत, वर्तमान, भविष्य से होकर गुजरती है। मेरा नाम
बॉम्बे क्रॉनिकल है और मैं एक समाचार पत्र हूँ। मेरा जन्म 1857 में बॉम्बे ( वर्तमान में मुंबई) में हुआ था।
मैंने प्रारम्भ से स्वतंत्रता संघर्ष के
उतार-चढ़ाव देखे हैं। अब तक की सबसे बड़ी खबर, भारत के विद्रोह 1857 में मेरे द्वारा
दी गयी थी। मैं लगातार पूरे देश में पार्सल होता था। उस समय मेरा मूल्य एक पैसे था
और मैं सभी शिक्षित व्यक्तियों, वायसराय, राजाओं, महाराजाओं, उद्योगपतियों द्वारा पढ़ा जाता था।
प्रेम और घृणा-अनेक लोग मुझसे प्रेम करते थे और मेरी देखभाल करते थे। कभी-कभी लोग
विरोध प्रदर्शित करते हुए मुझे जलाते थे। मैं उन लोगों द्वारा जलाया जाता था जो
कड़वे सत्य से घृणा करते थे। मैं कभी-कभी अंग्रेजों द्वारा भी जलाया जाता था जो
महात्मा गाँधी जैसे महान क्रान्तिकारियों के लेख से क्रोधित हो जाते थे।
गतिविधि- शुरूआत में, मैं पत्र प्रेस
द्वारा छापा जाता था। धीरे धीरे तकनीक में विकास हुआ और मैं रोटेरी प्रिन्टिंग
प्रेस द्वारा छापा जाने लगा। पिछले कुछ वर्षों से, मैं ऑफसेट प्रिन्टिंग मशीन में छपा जा
रहा हैं जो कि बहुत तेज है। 4 पन्नों से मैं 24 पन्नों पर आया। 2 दशकों से, मैं रंगीन छपाई और
पत्रिका विभाग में भी उपलब्ध हूँ। मेरा प्रतिदिन का छपाई चक्र चार हजार प्रतियों
से लेकर चार लाख प्रति है। मेरे सम्पादक और संवाददाता परिवर्तन की अनेक दशाओं से
गुजरते हैं। मैं अब कम्प्यूटर द्वारा टाइप किया जाता हैं।
घटना का
प्रत्यक्षदर्शी-152 साल की यात्रा द्वारा, मैंने महान घटनाएँ, युद्ध, संकट और आनन्द के क्षण देखे थे। मैं
अनेक साम्राज्यों को गिरते और चढ़ते देख चुका हूँ। मैंने अनेक राष्ट्रों का जन्म
भी देखा है। मैं मनुष्य के चन्द्रमा पर जाने की गवाही दे चुका हैं। अब भी मैं
स्वयं को पुराना अनुभव नहीं करता हूँ। मैं अपना जीवन मानवता के भविष्य और सहायता के
लिए समर्पित कर चुका हैं। यही मेरे जीवन की महत्वाकांक्षा और लक्ष्य है। सत्य पर विजय
पाना और जीत ही मेरा आदर्श है।
महत्व में वृद्धि- शिक्षा के विस्तार के साथ मेरे महत्व में शीघ्रता से वृद्धि हो चुकी
है। आज प्रत्येक मुझे पढ़ना चाहता है। वे जो स्वयं नहीं पढ़ सकते, दूसरों से पढ़वाकर सुनते हैं। मैं अब
अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू और देश की क्षेत्रीय भाषाओं में छपता हैं। मैं प्रत्येक द्वारा
महान रोचकता से पढ़ा और सुना जाता है। मैंने लोगों के मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ी
है।
कर्तव्य और कार्य- मेरा सबसे महत्वपूर्ण कार्य लोगों को संसार की सूचना देना है। समाचार
मेरा मुख्य कार्य है। मैं लोगों को बताता हूँ कि हमारे देश में और अन्य देशों में
क्या हो रहा है। मैं विज्ञापन का भी एक प्रमुख साधन हूँ। मैं वाणिज्य और व्यापार
की सहायता करता हूं। मैं बेरोजगारों को विज्ञापन द्वारा रोजगार दिलाता हूं। बड़ी
मात्रा में और हर प्रकार का विज्ञापन मुझमें यह सिद्ध करता है कि मुझ पर विज्ञापन करना कितना प्रसिद्ध और
लोकप्रिय है।
उपसंहार- लेकिन मेरी कुछ कमियाँ भी हैं। कुछ राजनीतिक पार्टियाँ अपने गलत प्रचार के लिए उपयोग करती है। जो कथन और विचार मेरे द्वारा व्यक्त किये जाते हैं वो अकसर लोगों को भ्रमित और बहकाते हं। कुछ समाचार झूठे भी छापे जाते हैं। इसलिए लोग इन सब बातों के लिए मुझसे घृणा भी करने लगते हैं और इस प्रकार मेरा गलत उपयोग भी होता है। अक्सर लोग जनता को धोखा देने के लिए झूठे विज्ञापन भी छपवाते हैं। वे स्वयं तो भ्रष्ट होते ही हैं अन्य को भी भ्रष्ट करते हैं। मेरे यह कुछ दोष मेरी विशेषताओं की तुलना नहीं कर सकते। मैं जनता के लिए वास्तव में उपयोगी हूं।
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