मेरे जीवन का सबसे दुखदायी दिन पर निबंध : मानव जीवन सुख दुख का मिश्रण है। यह अनेक प्रकार की घटनाओं से भरा पड़ा है। इसमें कुछ घटनाएं खुशी वाली होती हैं, तो कुछ घटनाएं दुख भरी होती हैं। 16 जून 2013 का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी वाला दिन था। इस दिन मेरे जीवन में अनेक प्रकार की खुशी देने वाली घटनाएं एक साथ घटी थी। जिन्हें मैं कभी नहीं भुला सकता।
मेरे जीवन का सबसे दुखदायी दिन पर निबंध
मानव जीवन सुख दुख का मिश्रण है। यह अनेक प्रकार की घटनाओं से भरा पड़ा है। इसमें कुछ घटनाएं खुशी वाली होती हैं, तो कुछ घटनाएं दुख भरी होती हैं। 16 जून 2013 का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी वाला दिन था। इस दिन मेरे जीवन में अनेक प्रकार की खुशी देने वाली घटनाएं एक साथ घटी थी। जिन्हें मैं कभी नहीं भुला सकता।
मेरा बड़ा भाई काफी समय से बेरोजगार था। इसी कारण से घर-परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था। हमारे परिवार के सभी सदस्य उसके बेरोजगारी के कारण दुखी थे। उसी दिन अचानक उसकी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र डाक द्वारा प्राप्त हुआ। पत्र को पाते ही हम सब की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरे भाई की नियुक्ति आयकर अधिकारी के पद पर हुई थी। इसे जानकर तो हमारी खुशी और भी अधिक हो गई।
यह खुशी की लहर बड़ी तेजी से सारे परिवार तथा मोहल्ले में फैल गई। तभी एक और खुशी की सूचना टेलीफोन के माध्यम से प्राप्त हुई। अचानक टेलीफोन की घंटी बजी जैसे ही मैंने टेलीफोन सुना तो पता लगा कि मेरी बड़ी बहन के यहां एक पुत्र ने जन्म लिया है। यह सुनकर तो हम खुशी से फूले न समाए। इसका विशेष कारण था कि मेरी बहन को यह पुत्र 15 वर्ष के अंतराल में हुआ था। इस खुशी का हम पूरी तरह आनंद भी नहीं उठा पाए थे कि तभी मेरे एक मित्र का टेलीफोन आया। उसने मुझे बताया कि मेरी 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित हो गया था। जिसमें मैं पास तो हुआ ही साथ ही मुझे प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई तथा मैं अपने विद्यालय में प्रथम रहा। जब यह समाचार मिला तो हम सब की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
इतनी सारी खुशियां एक साथ प्राप्त हुई। इन सब खुशियों के कारण हमने एक शानदार पार्टी का आयोजन किया जिसमें अपने सभी मित्रों व पड़ोसियों को बुलाया। वह सभी हमारी खुशी में सम्मिलित हुए। सभी ने हमको एक साथ बधाइयां ही बधाइयां दे डाली। सचमुच यह मेरे जीवन का सर्वाधिक खुशी वाला दिन था ऐसा संयोग जीवन में बार-बार नहीं होता।
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