ऊँट पर निबंध | Essay on Camel in Hindi : ऊंट एक पालतू पशु है। इसका शरीर बहुत विशाल होता है। इसकी गर्दन बहुत लम्बी होती है। इसकी टांगें पतली तथा लम्बी होती हैं। इसकी कमर पर एक उंचा कूबड़ होता है। इसके दांत तेज तथा लम्बे होते हैं। इसकी पूँछ बहुत छोटी होती है। ऊंट की दो आँखें तथा दो काम होते हैं। यह घास, गन्ना, पत्ते तथा कांटेदार झाड़ियाँ खाना पसंद करता है। इसकी लम्बाई नौ से दस फुट तक हो सकती है। ऊंट की सबसे बड़ी खासियत ये होती है की यह अपने पेट में इतना अधिक पानी भर सकता है जिससे यह बहुत दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता है। कई जगहों में ऊंट का प्रयोग गाडी खींचने तथा खेत में हल चलाने के लिए किया जाता है।
ऊँट पर निबंध | Essay on Camel in Hindi
ऊंट एक पालतू पशु है। इसका शरीर बहुत विशाल होता है। इसकी गर्दन बहुत लम्बी होती है। इसकी टांगें पतली तथा लम्बी होती हैं। इसकी कमर पर एक उंचा कूबड़ होता है। इसके दांत तेज तथा लम्बे होते हैं। इसकी पूँछ बहुत छोटी होती है। ऊंट की दो आँखें तथा दो काम होते हैं।
यह घास, गन्ना, पत्ते तथा कांटेदार झाड़ियाँ खाना पसंद करता है। इसकी लम्बाई नौ से दस फुट तक हो सकती है। ऊंट की सबसे बड़ी खासियत ये होती है की यह अपने पेट में इतना अधिक पानी भर सकता है जिससे यह बहुत दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता है। कई जगहों में ऊंट का प्रयोग गाडी खींचने तथा खेत में हल चलाने के लिए किया जाता है।
ऊंट के पैर गद्दीदार होते हैं जिससे इसके पैर रेत में नहीं धंसते। यह रेगिस्तान में यातायात का एक प्रमुख साधन है। वहां लोग एक स्थान से दुसरे स्थान तक जाने के लिए इन्ही का प्रयोग करते हैं। इसी कारण इसे रेगिस्तान का जाहाज भी कहा जाता है। बहुत सी जगहों में गाय की दूध की जगह ऊंट का दूध ही प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं।
प्राचीनकाल में राजा-महाराजा लोग ऊंट को युद्ध के समय प्रयोग करते थे। वे इसकी सहायता से रेगिस्तानी इलाकों में अस्त्र-शस्त्र लाते व ले जाते थे। आज भी कई इलाकों में सेना गश्त लगाने के लिए ऊंट का ही प्रयोग करती है। राजस्थान के कई भागों में विशेष अवसरों पर ऊँटों की दौड़ की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
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