गुलाबी नगरी जयपुर पर निबंध। essay on jaipur in hindi : जयपुर राजस्थान की राजधानी है। इसे गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर की स्थापना सन् 1727 में आमेर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। उन्होंने 1699 से 1744 तक शासन किया था। उनकी राजाधानी आमेर थी जो जयपुर से 11 किमी, दूर है। जयपुर अपनी कलाकृति और स्थापत्य कला के ले मशहूर है। इस शहर को भारतीय वास्तकला के अनुसार बनाया गया है। पर्यटन की दृष्टि से जयपुर का एशिया में सातवाँ स्थान है।
गुलाबी नगरी जयपुर पर निबंध। essay on jaipur in hindi
जयपुर राजस्थान की राजधानी है। इसे गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह किले¸महल¸चंद्रमहल रामनिवास उद्यान में स्थित म्यूजियम¸ जलमहल¸ शीशमहल¸ जयगढ़¸ नाहरगढ़ का किला जंतर-मंतर आदि के लिए मशहूर हैं। इसके अलावा दस्तकारी रंग-बिरंगे कपड़ें रतन् एवं राशियों के नगीने और जयपुर की रजाइयाँ भी विश्व-प्रसिद्ध हैं।गुलाबी लगरी के नाम से मशहूर जयपुर की स्थापना सन् 1727 में आमेर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। उन्होंने 1699 से 1744 तक शासन किया था। उनकी राजाधानी आमेर थी जो जयपुर से 11 किमी, दूर है। आज यहाँ की जनसंख्या लगभग 50 लाख है। सन् 1833 में जब प्रिंस ऑफ वेल्स जयपुर गए तो उनहोंने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया था तब से जयपुर का नाम गुलाबी लगर पड़ गया।
जयपुर अपनी कलाकृति और स्थापत्य कला के ले मशहूर है। इस शहर को भारतीय वास्तकला के अनुसार बनाया गया है। पर्यटन की दृष्टि से जयपुर का एशिया में सातवाँ स्थान है। यह शिक्षा का भी क प्रमुख केन्द्र है। यहाँ पर 40 से धिक इंजीनियरिंग कॉलेज 27 बिजनेस मैनेजमेंट इस्टीट्यूट 15 फार्मेसी संस्थान 4 होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट 3 मेडीकल कॉलेज और 6 डेंटल कॉलेज हैं। इसके अतिरिक्त 8 विश्वविद्यालय हैं। यहाँ एक एस.एम.एस. क्रिकेट स्टेडियम भी है जहाँ बहुत से अंतर्राष्ट्रीय मैच र इंडियन प्रीमियर लीग मैच भी होते रहते हैं।
जयपुर में सन् 1592 में बने किले एवं महलों में मुगल और हिन्दू वास्तुकला की उत्कृष्टता देखने को मिलती है। यह अलवर अरावली पाड़ियों की गोद में बसा है। यहाँ के सरकारी संग्रहालय में रागों पर आधारित चित्र हैं। इसके अलावा सरिस्का टाईगर संचुरी¸कैसरोली पहाड़ पर किला-यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।
जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों-हवामहल आमेर का महल¸जयगढञ का किला¸जंतर-मंतर के अलावा तमाशा क प्रसिद्ध लोक नृत्य है। जयपुर में ये तमाशा 18वीं शताब्दी से चला आ रहा है। तमाशा लहरिया से शुरू होता है जो एक विशिष्ट नृत्य है।
जयपुर की संस्कृति और वास्तु एवं सथापत्य कला विश्व भर में प्रसिद्ध है जिसे देखने देश-विदेश से प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं। यह भारत की ही नहीं विश्व का क प्रमुख पर्यटन स्थल है।
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