गांव की सैर पर हिंदी निबंध। Gaon ki sair par nibandh : भारत गाँवो का देश है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। भारत की 70 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। मेरा जन्म आगरा शहर में हुआ था। मेरे दादाजी राजस्थान में रहते हैं। मेरे मन में गाँव देखने की इच्छा थी तो मैंने छुट्टियों में अपने गाँव जाने का विचार बना लिया। मैं अपने माता-पिता के साथ गाँव पहुँचा। हमारे गाँव का नाम मालौनी था। राजस्थान में यह आगरा के पास ही है। मेरे दादाजी और दादीजी बहुत बड़े घर में रहते हैं। सभी लोग उसे पंडित जी हवेली कहते हैं। मेरे दादाजी गाँव के सरपंच हैं। गाँव में सभी उनका आदर करते हैं।
गांव की सैर पर हिंदी निबंध। Gaon ki sair par nibandh
भारत गाँवो का देश है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। भारत की 70 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। मेरा जन्म आगरा शहर में हुआ था। मेरे दादाजी राजस्थान में रहते हैं। मेरे मन में गाँव देखने की इच्छा थी तो मैंने छुट्टियों में अपने गाँव जाने का विचार बना लिया।
मैं अपने माता-पिता के साथ गाँव पहुँचा। हमारे गाँव का नाम मालौनी था। राजस्थान में यह आगरा के पास ही है। मेरे दादाजी और दादीजी बहुत बड़े घर में रहते हैं। सभी लोग उसे पंडित जी हवेली कहते हैं। मेरे दादाजी गाँव के सरपंच हैं। गाँव में सभी उनका आदर करते हैं।
मैं अपने दादाजी के साथ खेतों में पहुँचा। वहाँ चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। खेतों में गेहूँ की फसल खड़ी हुई थी। खेतों में ट्यूबवैल लगे हुए थे। गाय-भैसों के रहने के लिए अलग स्थान बना हुआ था। दादाजी ने बताया कि गेहूँ को रबी की फसल कहते हैं। इसे सर्दियों में बोते हैं और गर्मियों में काटते हैं। गेहूँ उगाते समय वर्षा की आवश्यकता होती है। पंचाब के अतिरिक्त हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और गुजरात में गेहूँ की खेती अधिक होती है। दादाजी ने समझाया कि हम अपने खेतों में गेहूँ के अलावा बाजरा, दालें और सब्जियों की खेती भी करते हैं।
मैं खेतों में घूम-घूमकर बहुत थक गया था तो मैं वहीं एक पीपल के पेड़ के नीचे आकर बैठ गया। फिर दादजी भी मेरे पास ही बैठ गए। उन्होंने मुझे बताया कि बाजरा मक्का कपास और जूट ‘खरीफ’ की फसलें होंती हैं। उन्हें वर्षा के दिनों में बोया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश पंजाब और हरियाणा में गन्ना उगाया जाता है। गन्ने से चीनी और गुड़ बनता है।
मैं एक सप्ताह गाँव में रहा। गाँव में कच्चे और पक्के घर थे। लोगों का रहन-सहन बिल्कुल सादा था। गाँव की गलियाँ कच्ची थीं। गाँव के बाहर एक बहुत बड़ा तालाब था। उसमें गाय-भैंसों को नहलाया जाता था। गाँव के बच्चे भी उसमें नहाते थे। गाँव में दो स्कूल थे और एक छोटा-सा अस्पताल भी था। गाँव में बिजली थी। परंतु शहरों की तरह वहाँ हर घर में फ्रिज एवं टेलीविजन नहीं थे।
मुझे गाँव की हरियाली सबसे अच्छी लगी। शुद्ध वायु का वहाँ अपना ही आनंद था। वहाँ बसों कारों स्कूटरों आदि का शोर नहीं था। यहाँ चारों ओर शांति ही शांति थी। शहरों में हमें वायु-प्रदूषण जल प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण में जीना पड़ता है। परंतु गाँव आकर पर्यावरण की शुद्धता का पता चला।
मैंने निश्चय कर लिया है कि मैं भविष्य में अपनी छुट्टियाँ गाँव में ही बिताऊँगा।
nice for mad students to copy from here and show to teacher that they have think essay on their own
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DeleteDear Reader, Thank you for your lovely comment.
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