मेरा प्रिय शौक पर निबंध। My hobby Essay in Hindi : किसी व्यक्ति द्वारा मन बहलाने या मनोरंजन हेतु उत्साहपूर्वक किए जाने वाले किसी कार्य विशेष को ही शौक या चस्का कहते हैं। अंगरेजी मे इसी को हॉबी कहते हैं। पुरूष हो या महिला युवा हो प्रौढ़ हो या फिर वृद्ध या बालक ही क्यों नहीं हो प्रायः सबकी कोई न कोई प्रमुख जिम्मेदारी होती है। सब कोई न की काम करते ही है और प्रतिदिन नियमित रूप से किए जाने वाले काम थकाऊ भी हो जाता है तो कभी-कभी उबाऊ तथा नीरस भी।
मेरा प्रिय शौक पर निबंध। My hobby Essay in Hindi
शौक अच्छे या बुरे दोनों किस्म के हो
सकते हैं जैसे किसी को सत्साहित्य पड़ने का शौक होता है तो किसी को अश्लील साहित्य
का आनंद लेने का चस्का। जुए या लॉचरी की बुरी लत भी बहुतों को होती है।
डाक टुकटों या सिक्कों का संग्रह करना
तथा बागवानी करना आदि शौक भी बहुतो को होत है। मुझे फोटोग्राफी का शौक है। मेरे
पास बाबा आदम के जमाने का क बॉक्स कैमरा है जिसमें 620 की फिल्म लगती है। एक फिल्म
से बारह श्वेत-श्याम तस्वीरे खीची जा सकती है।
जब कभी पढ़ते-पढ़ते मेरा जी-उचाट हो
जाता है तो मैं अपना कैमरा लेकर छत पर चढ़ जाता हूँ और वहाँ से चारों ओर कुछ खास
दृश्य की टोह लेने में लग जाता हूँ। अक्सर मुजे कुछ अच्छे स्नैप मिल जाते हैं। एक
बार एक बाज को चिड़िया पर झपटते और फिर चिड़िया को चंगुल में लेकर सीना ताने हुए
कैमरे में कैद करने का मौका मिला। कई बार आकाश में भी बादलों और पक्षोयों की आकर्षक
अठकेलियों को मैंने अपने घर की छत से कैमरे में कैद किया है।
जब कभी किसी भी बहाने से मुझे प्रवास का
मौका मिलता है तो यात्रा पर जाते हुए मैं अपने दादाजी का यह बॉक्स कैमरा साथ ले जाना
नहीं भूलता तथा अक्सर कई यादगार सत्वीरें अपने कैमरे में कैद करने में सफल रहता
हूँ। अपने घर में ही एक ओर छोटा-सा डार्करूम बी बनवा रखा है। समें एक कांटेक्ट
प्रिंटर और एक इनरार्र तथा तीन-चार टी-बड़ी डिशें मुझे मम्मी-डैडी ने मेरे
फोटोग्राफी के शौक को देखते हुए लगवा दी है।
फोटोग्राफी की पुस्तकें पढ़पढ़कर मै फोटोग्राफी के कई करतब सीख चुका हूँ। अपने इस शौक के लिए फोटो की डेवलपिंग हेतु
आवश्यक ब्रोमाइड पेपर तथा डेवलपर बनाने के लिए जरूरी रसायन आदि मैं अपनी जेब-खर्छ
से खरीदता रहता हूँ पर कभी-कभी जब पैसे कम पड़ते हैं तो मम्मी से माँगता हूँ और वे
मेरी मदमद करतीहैं।
घर में सबको मेरा यह शौक अच्छा लगता है।
मेरे द्वारा खींचे हुए चित्रों का अलबम मम्मी बड़े चाव से देखती और दिखाती हैं।
उनकी इस सराहना से मेरा उत्साह बढ़ता है। मेंने कभी कहा तो नहीं पर इस निबंध के
माध्यम सेकहना चाहता हूँ- थैंक यू मम्मी।
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