जम्मू कश्मीर का इतिहास : जम्मू-कश्मीर हिमालय की पर्वतमालाओं में बसा हुआ है। इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। जम्मू और कश्मीर राज्य की स्थापना 26 अक्टूबर 1947 में हुई थी। जम्मू-कश्मीर से कई देशों की सीमाएँ लगी हुई हैं। उत्तर-पूर्व में चीन दक्षिण में हिमाचल प्रदेश और पंजाब तथा पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान द्वारा अधिकृत आजाद पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर की सीमा सटी हुई है।
जम्मू कश्मीर का इतिहास। History of jammu and kashmir in hindi
जम्मू-कश्मीर हिमालय की पर्वतमालाओं में बसा हुआ है। इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। जम्मू और कश्मीर राज्य की स्थापना 26 अक्टूबर 1947 में हुई थी। जम्मू-कश्मीर से कई देशों की सीमाएँ लगी हुई हैं। उत्तर-पूर्व में चीन दक्षिण में हिमाचल प्रदेश और पंजाब तथा पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान द्वारा अधिकृत आजाद पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर की सीमा सटी हुई है।
जम्मू-कश्मीर के तीन प्रमुख क्षेत्र हैं-जम्मू कश्मीर घाटी तथा लद्दाख। कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर तथा शीतकालीन राजधानी जम्मू-कश्मीर है जबकि कश्मीर घाटी पृथ्वी के स्वर्ग के रूप में विश्व भर में सुविख्यात है। इसके अलावा कश्मीर पहाड़ों के अद्भुत आकर्षक और मनोहारी प्राकृतिक दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है।
पहाड़ों में स्थित जम्मू के मंदिर एवं मस्जिद भी दर्शनीय पर्यटन-सथाल हैं। इन्हें देखने प्रति वर्ष हजारों पर्यटक आते हैं। लद्दाख जो छोटा तिब्बत के नाम से प्रसिद्ध है अपने बेमिसाल सुंदर पहाड़ों एवं बौद्ध संस्कृति के लिए सुविख्यात है।
हिन्दू ग्रंथों के अनुसार एक बार ऋषि कश्यप ने बारामूला के नजदीक पहाड़ को काटकर बनाई गई पीर पंजाल पर्वत श्रेणी की एक झील को सुखा दिया और फिर उस घाटी में भारत के लोगों को बसने के लिए प्रेरत किया। इस प्राकर इस घाटी का नाम कश्मीर घाटी पड़ गया।
कश्मीर सर्वप्रथम मौर्य एवं कुषाण साम्रामज्य में स्थापित हुआ था। तत्पश्चात् 8वीं सदी में हिन्दू वीर योद्धा ललितादित्य मुक्तापिदा ने कश्मीर पर शासन किया था। उसके बाद 12वीं शताब्दी में मुसलमानों की तुर्किश सेना ने कश्मीर पर आक्रमण किया। फिर सन् 1322 में जुल्कादुर खान ने इस पर पूर्णतः अपना अधिकार कर लिया। इस प्रकार एक के बाद एक कश्मीर पर आक्रमण और शामन किया जाता रहा। कश्मीर को धरती के स्वर्ग की संज्ञा दी गई है इसलिए हर कोई शासक कश्मीर पर शासन करना चाहता था। यहाँ की डल झील विश्व-प्रसिद्ध है। इसमें हाऊस-बोट होते हैं जिन्हें शिकारा कहते हैं। पर्यटक इसमेंबैठकर डल झील की सैर करते हैं और इसी में वे रहते भी हैं। सर्दियों में ये झील पूर्ण रूप से जम जाती है और इस पर बच्चे क्रिकेट खेलते हैं।
कश्मीर में शालीमार गार्डन है जिसे मुगल सम्राट जहाँगीर ने बनवाया था। यहाँ गुलमर्ग है जो घने जंगलों से घिरा हुआ है तथा यहाँ सुंदर व मनमोहक फूलों के बाग हैं। पटनीटॉप है जो अक्सर बर्फ से ठका रहता है। इसे हिल-रिजॉर्ट कहते हैं। पहलगाम है जहाँ अमरनाथ यात्रियों के लिए कैंप बनाए जाते हैं। सोनमर्ग है जो श्रीनगर जिले में है। इसके अलावा श्रीनगर से 11 कि.मी. की दूरी पर निशात गार्डन है इसका र्निमाण नूरजहां के भाई आसफ खान ने करवाया था। यह डल झील के किनारे पर है। जम्मू में वैष्णो देवी का मंदिर है जो जमीन से 10-12 किलोमीटर ऊपर स्थित है।
इन सभी पर्यटन स्थलों को देखने जम्मू-कश्मीर मे हजारों पर्यटक प्रतिदिन आते हैं और प्राकृतिक सौन्दर्य का अद्भुत एवं स्वर्गीय आनन्द लेते हैं। जब सर्दी के महीनों में यहाँ आकाश से बर्फ बरसती है तो यह दृश्य बहुत सुंदर और मनोहारी होता है। उस समय बर्फबारी का यह दृश्य देखने हजारों पर्यटक आते हैं। तब पूरा कश्मीर बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है। यह दृश्य अत्यंत सुंदर और मनोरम होता है जो व्यक्ति यह दृश्य देखता है वह यही कहता है-कश्मीर धरती का स्वर्ग है।
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